बीएसएनएल ने मचाई धूम, पिछले 3 महीनों में बढ़े इतने सब्सक्राइबर
सरकारी टेलीकॉम कंपनी BSNL अब प्राइवेट कंपनियों जैसे Jio, Airtel और Vodafone Idea के साथ होड़ में फिर से खड़ी हो रही है। पिछले 3 महीनों में कंपनी के सब्सक्राइबर्स की संख्या में तेजी आई है। हाल ही में, जब इन प्राइवेट कंपनियों ने अपने टैरिफ बढ़ाए, तब बड़ी संख्या में ग्राहक BSNL की सेवाओं की ओर आकर्षित हुए हैं।
तेजी से जुड़ रहे ग्राहक
टेलीकॉम रेगुलेटर TRAI के आंकड़ों के अनुसार, पिछले तीन महीनों में BSNL के ग्राहक लगातार तेजी से BSNL से जुड़ रहे हैं। इस वृद्धि के पीछे कम टैरिफ योजनाओं और 4G सेवाओं के सॉफ्ट लॉन्च का भी महत्वपूर्ण योगदान है। बीएसएनएल अब ग्राहकों को बेहतर सेवा और प्रतिस्पर्धी दरों के साथ आकर्षित कर रहा है, जिससे उसकी स्थिति में सुधार हो रहा है। यह बदलाव BSNL के लिए एक सकारात्मक संकेत है और कंपनी के भविष्य के विकास की संभावनाओं को उजागर करता है।
संचार मंत्री ने यह घोषणा की
संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बुधवार यानी 23 अक्टूबर को घोषणा की कि सार्वजनिक क्षेत्र की दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल ने पिछले वित्तीय तिमाही में हर महीने नए ग्राहकों की संख्या में वृद्धि की है। इस अवधि के दौरान कंपनी के ग्राहक आधार में 50 से 60 लाख की बढ़ोतरी हुई है। पिछले दो वर्षों में लगातार परिचालन लाभ दर्ज करने के कारण, बीएसएनएल ने अपने कारोबार में एक उल्लेखनीय बदलाव किए है, जिससे इसकी स्थिति में सुधार हुआ है।
क्या है सफलता का राज
BSNL के अधिकारियों का कहना है कि वे अपनी सेवाओं का विस्तार जारी रखेंगे और नई तकनीकों को अपनाएंगे। कंपनी ने हाल ही में अपने 5G सेवाओं के परीक्षण की भी घोषणा की है, जो आने वाले समय में कंपनी की स्थिति को और मजबूत बना सकती है। 5G के आगमन से ग्राहकों को अधिक तेज और विश्वसनीय सेवाएं मिलेंगी, जो उन्हें प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने में मदद करेंगी
घरेलू कंपनियों पर भरोसा
वोडा आइडिया एकमात्र निजी कंपनी है जो अभी भी 4G नेटवर्क पर कार्यरत है। हाल ही में फंड जुटाने के बाद, यह कंपनी तेजी से 5G सेवाओं की ओर बढ़ने की दिशा में कदम उठा रही है। वहीं, BSNL का 4G नेटवर्क इंडिया स्टैक विकसित करने के लिए सरकार के प्रयासों की सफलता पर निर्भर है। BSNL ने अपने नेटवर्क अपग्रेडेशन का कार्य एक स्थानीय कंसोर्टियम को सौंपा है, जिसमें टाटा ग्रुप की TCS, तेजस नेटवर्क, और सरकारी कंपनी C-DOT शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि सरकार ने नोकिया, एरिक्सन और सैमसंग जैसी अंतरास्ट्रीय कंपनियों को ऑर्डर देने से इनकार कर दिया है, जो घरेलू कंपनियों के प्रति बढ़ते अंतरास्ट्रीय को दर्शाता है।