जोधपुर हाईकोर्ट का कड़ा आदेश,किसी भी व्यक्ति के नाम पर 3 से ज्यादा सिम कार्ड जारी नहीं किए जाएंगे

जोधपुर हाईकोर्ट ने साइबर फ्रॉड और डिजिटल अरेस्ट के बढ़ते मामलों पर सख्त रुख अपनाते हुए शुक्रवार को रिपोर्टेबल जजमेंट सुनाया। अदालत ने साफ कहा कि अब किसी भी व्यक्ति के नाम पर 3 से ज्यादा सिम कार्ड जारी नहीं किए जाएंगे। इसके लिए सरकार को तत्काल एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार करनी होगी, ताकि फर्जी सिम के जरिए होने वाली ऑनलाइन ठगी पर नकेल कसी जा सके।
अदालत ने नाबालिगों से जुड़े डिजिटल खतरे पर भी बड़ा निर्देश दिया। आदेश में कहा गया कि 16 साल से कम उम्र के बच्चों के स्कूल में मोबाइल फोन, ऑनलाइन गेम और सोशल मीडिया के उपयोग पर रोक लगाने के लिए गृह विभाग, शिक्षा विभाग और अभिभावक संगठनों के साथ मिलकर SOP तैयार करे। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि डिजिटल प्लेटफॉर्म बच्चों की सुरक्षा, पढ़ाई और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डाल रहे हैं, इसलिए कठोर कदम जरूरी हैं।
साइबर ठगी के एक मामले में दो आरोपियों की जमानत अर्जी खारिज करते हुए जस्टिस रवि चिरानिया की एकलपीठ ने सरकार, पुलिस और बैंकों को सख्त निर्देश दिए। कोर्ट ने कहा कि साइबर अपराध पर रोक तभी लगेगी जब सिस्टम तेज, पारदर्शी और जवाबदेह बने।
सबसे बड़ा निर्देश यह रहा कि अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राजस्थान में I4C की तर्ज पर R4C यानी राजस्थान साइबर क्राइम कंट्रोल सेंटर की स्थापना करें। इससे ऑनलाइन फ्रॉड, डिजिटल अरेस्ट और टेक-आधारित अपराधों पर एक समन्वित और शक्तिशाली निगरानी तंत्र विकसित होगा।
हाईकोर्ट का यह फैसला राजस्थान में साइबर सुरक्षा और डिजिटल नियंत्रण व्यवस्था में बड़ा बदलाव ला सकता है।
