लॉन्च होगा कुछ ही समय में इसरो का 'बाहुबली' एलवीएम-3, बदल जाएगा मोबाइल नेटवर्क का स्वरूप; बेहद खास है मिशन

लांच व्हीकल मार्क 3 एलवीएम3 भारत का अब तक का सबसे शक्तिशाली और भरोसेमंद रॉकेट है। इसकी भारी वहन क्षमता और उन्नत तकनीक के कारण इसे बाहुबली रॉकेट के नाम से भी जाना जाता है। यह रॉकेट भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो की मानव अंतरिक्ष उड़ान और भारी उपग्रह प्रक्षेपण योजनाओं की रीढ़ माना जाता है।
इसरो की तय योजना के अनुसार बुधवार को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 8 बजकर 54 मिनट पर एलवीएम3 एम6 रॉकेट का प्रक्षेपण किया जाएगा। इस मिशन के तहत नई पीढ़ी का अमेरिकी संचार उपग्रह ब्ल्यूबर्ड ब्लॉक 2 को अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया जाएगा। यह उपग्रह अत्याधुनिक संचार तकनीक से लैस है और मोबाइल तथा ब्रॉडबैंड सेवाओं को बेहतर बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
एलवीएम3 की यह छठी परिचालन उड़ान होगी, जो इस रॉकेट की विश्वसनीयता और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती स्वीकार्यता को दर्शाती है। इससे पहले भी एलवीएम3 कई महत्वपूर्ण उपग्रहों और मिशनों को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में पहुंचा चुका है। खास तौर पर गगनयान मिशन के लिए इसे मानव अंतरिक्ष उड़ान के अनुकूल बनाया गया है।
इस मिशन के जरिए भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष सहयोग को भी नई मजबूती मिलेगी। विदेशी उपग्रहों के सफल प्रक्षेपण से इसरो की वैश्विक साख लगातार बढ़ रही है और भारत अंतरिक्ष प्रक्षेपण सेवाओं के क्षेत्र में एक मजबूत विकल्प के रूप में उभर रहा है।
एलवीएम3 एम6 मिशन की सफलता न केवल इसरो के तकनीकी कौशल का प्रमाण होगी, बल्कि भविष्य में बड़े और जटिल अंतरिक्ष अभियानों के लिए भारत की तैयारियों को भी और मजबूत करेगी।
