कांग्रेस नेता रामलाल जाट के खिलाफ 5 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई करेगी जांच

कांग्रेस नेता रामलाल जाट के खिलाफ 5 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई करेगी जांच
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- करेड़ा़ क्षेत्र में है माइनिंग खदान

- दस्तावेज नाम कराने के बाद रुपए देने का था वादा

- जाट बोले जांच के बाद सब कुछ हो जाएगा साफ

भीलवाड़ा । जिले के करेड़ा के रघुनाथपुरा में एक ग्रेनाइट फैक्ट्री के साथ 5 लाख की धोखाधड़ी के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने कांग्रेस नेता व पूर्व राजस्व मंत्री रामलाल जाट के खिलाफ देश की सबसे बड़ी एजेंसी सीबीआई से जांच कराने के आदेश दिये।

मैसर्स अरावली ग्रेनि मार्मो प्रा.लि.के परमेश्वर सोनी के मामले में मंगलवार को जोधपुर हाईकोर्ट के न्यायाधीश फरजंद अली ने कांग्रेस नेता रामलाल जाट के खिलाफ सीबीआई जांच के आदेश दिए। धोखाधड़ी और चोरी के मामले में कारोबारी परमेश्वर ने जाट के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग की थी। इस मामले में अब तक पुलिस, एसओजी और सीआईडी भी जांच कर चुकी है।

पूर्व मंत्री सहित 5 लोगों के खिलाफ 17 सितंबर 2022 को कोर्ट के आदेश पर भीलवाड़ा के करेड़ा थाने में धोखाधड़ी और चोरी का मामला दर्ज किया गया था।

राजसमंद के माइनिंग व्यवसायी परमेश्वर जोशी ने आरोप लगाया था कि करोड़ों रुपए की ग्रेनाइट माइंस में 50 प्रतिशत शेयर रामलाल जाट ने छोटे भाई के बेटे और उसकी पत्नी के नाम करवाए थे। इसके बदले 5 करोड़ रुपए देने का वादा किया था। लेकिन दस्तावेज नाम कराने के बाद रुपए नहीं दिए गए।

माइनिंग व्यवसायी राजसमंद के गढ़बोर निवासी परमेश्वर पुत्र रामलाल जोशी ने पुलिस को रिपोर्ट में बताया था कि वह करेड़ा के रघुनाथपुरा में मैसर्स अरावली ग्रेनि मार्मो प्रा.लि. नाम से ग्रेनाइट माइंस का काम करता है। माइंस में वह डायरेक्टर और शेयर होल्डर है।

इस कंपनी का रजिस्ट्रेशन श्याम सुंदर गोयल और चंद्रकांत शुक्ला के नाम से है। जिस समय कंपनी का रजिस्ट्रेशन हुआ था, उस समय परमेश्वर श्याम सुंदर और चंद्रकांत से 10 करोड़ रुपए मांगता था। इसके चलते इन दोनों ने माइंस के 50 प्रतिशत शेयर परमेश्वर और उसकी पत्नी भव्या जोशी के नाम पर कर दिए थे।

कारोबारी का आरोप है कि बाकी के 50 प्रतिशत शेयर का सौदा श्याम सुंदर और चंद्रकांत ने रामलाल जाट से कर दिया। रामलाल जाट ने माइंस के शेयर अपने रिश्तेदार मोना चौधरी और सुरेश जाट के नाम पर करवा दिए। इन शेयर के पैसे रामलाल जाट को देने थे। परमेश्वर, श्याम सुंदर और चंद्रकांत से 5 करोड़ रुपए और मांगता था। इन दोनों ने बकाया 5 करोड़ रुपए शेयर खरीदने वाले रामलाल जाट से लेने के लिए कहा था।

पूर्व मंत्री ने शेयर के डॉक्युमेंट ट्रांसफर होते ही 5 करोड़ रुपए देने का वादा किया था। परमेश्वर ने 5 करोड़ जाट से मांगे। उन्होंने इनकार कर दिया। सिर्फ 2 करोड़ रुपए देने का आश्वासन दिया। बाद में 2 करोड़ रुपए भी नहीं मिले।

उधर रामलाल जाट ने हलचल से बातचीत करते हुए कहा कि न्यायालय ने जो आदेश दिए है वह सर्वोपरि है। देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी उन पर लगाए गए आरोपों की जांच करेगी तो वास्तविकता सामने आ जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं मंत्री नहीं था तब भी इस मामले की जांच हुई है और मंत्री रहते भी जांच हुई है। उन्होंने कहा कि अब तक तीन बार विभिन्न एजेंसियां जांच कर चुकी है। अब सीबीआई भी इस मामले की जांच करेगी जो वास्तविकता होगी वह सामने आ जाएगी।

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