सीबीआई करेगी जल जीवन मिशन घोटाले की जांच.: घोटाले के लिए बीजेपी ने पीएचईडी मंत्री महेश जोशी पर लगाए थे आरोप ,एफआईआर में नाम नहीं

घोटाले के लिए बीजेपी ने  पीएचईडी मंत्री महेश जोशी पर  लगाए थे आरोप ,एफआईआर में  नाम नहीं
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हाईकोर्ट की टिप्प्णी के बाद जल जीवन मिशन घोटाले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर ली है। हालांकि बीजेपी ने पिछली गहलोत सरकार में इस घोटाले के लिए पीएचईडी मंत्री महेश जोशी पर आरोप लगाए थे लेकिन एफआईआर में उनका नाम नहीं है..मामले में वरिष्ठ अधिवक्ता पूनमचंद भंडारी व डॉ. टी.एन. शर्मा ने राजस्थान हाईकोर्ट में पीआईएल दायर की थी


सीबीआई ने मामले में जलदाय विभाग के एक्सईएन विशाल सक्सेना, श्याम ट्यूबवेल कंपनी के प्रोप्राइटर पद्मचंद जैन, गणपति ट्यूबवेल कंपनी शाहपुरा के प्रोप्राइटर महेश मित्तल के अलावा अज्ञात सरकारी और गैर सरकारी लोगों को भी शामिल माना है। हालांकि बीजेपी ने पिछली गहलोत सरकार में इस घोटाले के लिए पीएचईडी मंत्री महेश जोशी पर आरोप लगाए थे लेकिन एफआईआर में उनका नाम नहीं है। हालांकि जिन लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है, वे जोशी के नजदीकी बताए जाते हैं।जल जीवन मिशन घोटाले की जांच अब सीबीआई करेगीराजस्थान की भजनलाल सरकार ने 18 मार्च को इस घोटाले की जांच सीबीआई से करवाने की सिफारिश की थी। इसके बाद 3 मई को सीबीआई ने षड्यंत्र और धोखाधड़ी का केस दर्ज करके इस मामले की छानबीन शुरू कर दी। यह पूरा मामला फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र के आधार पर टेंडर लेने से जुड़ा हुआ है। इस मामले में ईडी ने 2023 सितंबर में जयपुर और अलवर में 9 जगह छापे मारे थे। इनमें महेश मित्तल, प्रॉपर्टी कारोबारी संजय बढ़ाया, कल्याण सिंह कविया, विशाल सक्सेना, मायालाल सैनी, पद्मचंद जैन, तहसीलदार सुरेश शर्मा और अमिताभ कौशिक के यहां सर्च में 2.50 लाख नकद, एक किलो सोने की ईंट और करोड़ों की प्रॉपर्टी के कागजात और कुछ अधिकारियों के रिश्तेदारों के नाम से लेन-देन के कागजात मिले थे।

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