हाल-ए-जिला अस्पताल, डॉक्टर छुट्टी पर, सोनोग्राफी कक्ष पर ताला, भटकते रहे मरीज
भीलवाड़ा संपत माली। जिले का सबसे बड़ा महात्मा गांधी चिकित्सालय जिम्मेदारों की अनदेखी न केवल मरीजों के लिए परेशानी का सबब बनी है,बल्कि उन्हें आर्थिक नुकसान भी उठाने को विवश कर रही है। ताजा मामला, अस्पताल के सोनोग्राफी सेंटर से जुड़ा है, जिस पर शुक्रवार को ताला जड़ा मिला। यहां सोनोग्राफी के लिए आये मरीजों को दर-दर भटकने के बाद जेब ढीली कर बाहरी सोनोग्राफी सेंटरों से सोनोग्राफी करवाकर आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ा। बता दें कि आये दिन जिला अस्पताल किसी न किसी अनदेखी के चलते चर्चा में रहता है।
बता दें कि जिला अस्पताल के सोनोग्राफी सेंटर पर प्रतिदिन दर्जनों महिला और पुरुष मरीज सोनोग्राफी करवाने आते हैं। ऐसे मरीजों को तीन से चार दिन की प्रतिक्षा में रखा जाता है। इससे मरीजों की परेशानी बढ़ रही है। शुक्रवार को सोनोग्राफी कराने पहुंचे मरीजों को सेंटर पर ताला लगा मिला। दर-दर मरीज भटकते रहे, लेकिन उन्हें कोई जवाब देने वाला तक नहीं था। परेशान होकर मरीजों को या तो बाहरी सेंटरों पर औने-पौने दामों में सोनोग्राफी कराने पड़ी या फिर उन्हें बैरंग लौटना पड़ा। सोनोग्राफी कक्ष पर ताले लगने का कारण पता किया तो जानकारी में आया कि आज सोनोग्राफी करने वाले डॉक्टर अवकाश पर हैं।
ऐसे में यहां आने वाले मरीज अस्पताल के जिम्मेदारों को कौसते हुये यह कहते नजर आये कि इतने बड़े अस्पताल में एक डॉक्टर अवकाश पर है तो किसी और डॉक्टर को सेंटर पर लगाना चाहिये था, ताकि मरीजों को परेशानी नहीं होती। सोनोग्राफी कराने सेंटर पर रिश्तेदार गर्भवती महिला को लेकर आई महिला सुमन ने कहा कि यहां सोनोग्राफी की कोई व्यवस्था नहीं है। गर्भवती महिला को दर-दर भटकना पड़ रहा है। जब उन्होंने अथक प्रयास किये तो बताया गया कि आज डॉक्टर अवकाश पर है। सुमन का कहना है कि सोनोग्राफी के लिए आये कई मरीजों को बाहर से सोनोग्राफी करवानी पड़ रही है।
इसी तरह ओडों का खेड़ा से आई एक अन्य महिला भगवानी ने कहा कि उसके पेट में दर्द है। डॉक्टर ने उसे सोनोग्राफी करवाने के लिए कहा। जब वह सोनेाग्राफी कक्ष पर पहुंची तो वहां ताला लगा मिला। बाद में उसे बताया गया कि डॉक्टर छुट्टी पर है, अब सोमवार को आना।