विधायक कोठारी ने नगर परिषद व यूआईटी को विधानसभा में घेरा, अवैध निर्माण और पट्टों के साथ ही घोटालों का मुद्दा भी उठाया
भीलवाड़ा (राजकुमार माली)। नगर परिषद और नगर विकास न्यास को भीलवाड़ा विधायक अशोक कोठारी ने विधानसभा में जोरदार तरीके से घेरा है। उन्होंने बिना सीधा आरोप लगाए दोनों स्वायत्त शासन की संस्थाओं की कार्यशैली पर जमकर उंगली उठाई है। कोठारी ने चाहे पट्टों का मामला हो या यातायात व्यवस्था हो या अवैध कब्जों का मसला हो। उन्होंने हर मुद्दे को छुआ है। इसी के साथ उन्होंने विकास के सुझाव भी दिए है।
भीलवाड़ा के विधायक अशोक कोठारी पर प्रोपर्टी कारोबारी होने से लोग कई तरह के आरोप लगाते रहे हैं, लेकिन कोठारी ने विधानसभा में जिस तरह से नगर विकास न्यास में जमीन घाटाले के आरोप लग रहे हैं, उसकी जांच कराने का मुद्दा उठाकर इन आरोप लगाने वालों को मुंह तोड़ जवाब दिया है। कोठारी ने नगर निकायों में भ्रष्टाचार की शिकायत पर बोलते हुए अपना पक्ष रखा और पूर्व की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बड़े-बड़े घोटाले हुए है, जिसकी जांच होनी चाहिए और भ्रष्टाचार और घोटालों की जांच के लिए नगर निकायों की छह माह में ऑडिट करवानी चाहिए और जो भ्रष्टाचार में लिप्त पाए जाते हैं, उन्हें सजा दिलाई जानी चाहिए।
कोठारी ने विधानसभा में ही पट्टे नहीं मिलने को लेकर नगर परिषद पर भी सीधा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि एक बड़ी समस्या है, इसके समाधान के लिए पट्टे बनाने की प्रक्रिया को सरल करते हुए, इसे लगातार जारी रखना चाहिए। कोठारी ने सफाई व्यवस्था को लेकर भी नगर परषिद पर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने से प्रतिदिन शहर में 200 मीट्रिक टन कचरा उठाया जाता है, लेकिन डिस्पोज करने का संयत्र मात्र 140 मीट्रिक टन का ही है, ऐसे में जगह-जगह पर कचरे के ढेर लगते जा रहे हैं। उन्होंने बिना नाम लिए कहा कि कचरे को डिस्पोज करने के लिए उसे जलाया जा रहा, जिससे आस-पास के क्षेत्र और मेडिकल कॉलेज के विद्यार्थियों को भी श्वास लेने में परेशानी उठानी पड़ रही है।
नगर विकास न्यास और नगर परिषद के शहर में 280 पार्क है, कोठारी ने विधानसभा में पार्को की दुर्दशा का बखान भी किया और कहा कि अधिकांश पार्को की हालत खराब है। उन्होंने यह भी कहा कि अब इन पार्कों को देखरेख के लिए विकास समितियों को सौंप देना चाहिए।
नगर परिषद पर बड़ा आरोप लगाते हुए कोठारी ने कहा कि शुद्ध जल व्यर्थ ही नदियों में बहाया जा रहा है। कम रेट में भी यदि औद्योगिक और हिंदुस्तान जिंक जैसी ईकाईयों को सप्लाई करे तो उद्योगों की जलापूर्ति पूरी होने के साथ ही परिषद को भी आय हो सकती है। उन्होंने नगर विकास न्यास की जमीनों पर अतिक्रमण के लिए भी सीधे-सीधे अतिक्रमण निरोधक दस्ते और अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि जब अतिक्रमण होता है तो निरोधक दस्ते कार्रवाई नहीं करते, उसे तत्काल हटाया जाना चाहिए। अतिक्रमणकारियों को कब्जा करने के लिए मकान निर्माण करने तक का समय नहीं देना चाहिए। उन्होंने अतिक्रमण दस्ते और अधिकारियों पर सीधा आरोप नहीं लगाकर, इन्हें सुझाव के जरिए घेरा है। उन्होंने इसके लिए टास्क फोर्स के गठन का भी सुझाव दिया।
सीवरेज से हो रही परेशानियों का मुद्दा भी उन्होंने विधानसभा में उठाया तो निराश्रित गोवंश को लेकर भी सवाल उठाया है। विकास के लिए उन्होंने पुराने शहर में विद्युत लाइनों को भूमिगत करने, नेहरू तलाई के सौंदर्यीकरण, शहर की ट्राफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए एलिवेटेड रोड और आरओबी की मांग भी की है।