कोटड़ी चारभूजा पहुंच रहे पदयात्री, भीलवाड़ा मार्ग को किया एकतरफा, चारभूजा नाथ शनिवार को नगर भ्रमण पर निकलेंगे

कोटड़ी चारभूजा पहुंच रहे पदयात्री, भीलवाड़ा मार्ग को किया एकतरफा, चारभूजा नाथ शनिवार को नगर भ्रमण पर निकलेंगे
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भीलवाड़ा। मेवाड़ के प्रसिद्ध कोटड़ी चारभूजा नाथ शनिवार को जल झूलनी एकादशी पर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। कोटड़ी में आज से मेला शुरू हो गया है और विभिन्न आयोजन रखे गए है। पदयात्रियों के जत्थे कोटड़ी की और रवाना हुए है, और कई वहां पहुंच गए है, जिससे उत्सव का महौल बन गया है। आज रात प्रसाद के 80 हजार पैकेट तैयार किए जो वितरित किए जाएंगे। मेले को लेकर सुरक्षा कड़ी की गई है तथा भीलवाड़ा मार्ग एकतरफा कर दिया गया है। इस मार्ग पर डीजे धुन के साथ नाचते-गाते पदयात्री पूरी रात चलेंगे। शुक्रवार देर रात भजन संध्या का आयोजन होगा।


मेवाड़ अंचल के प्रसिद्ध कोटड़ी चारभूजा नाथ के तीन दिवसीय जलझूलन महोत्सव को लेकर श्रद्धालुओं में अपार उत्साह है और भीलवाड़ा जिले के साथ ही आस-पास के क्षेत्र से बड़ी संख्या में पदयात्री कोटड़ी के लिए निकल चुके है और पूरी रात चलकर चारभूजा नाथ के सुबह दर्शन करेंगे। भीलवाड़ा से कोटड़ी जाने वाला मार्ग एकतरफा कर दिया गया और यहां जगह-जगह पदयात्रियों के लिए लंगर लगाए गए। कोटड़ी चारभूजा नाथ मंदिर परिसर में आज महेंद्र अलबेला, गोकुल शर्मा, मधुबाला और तन्नू शर्मा भजनों की प्रस्तुति दी।

कोटड़ी में भजन संध्या

14 सितंबर को पूजा, अभिषेक और आरती के साथ प्रसाद वितरण होगा। दोपहर तीन बजे भगवान की दिव्य शोभायात्रा शुरू होगी। भगवान चांदी के बेवाण में विराजमान होकर नगर के भ्रमण पर निकलेंगे। इस दौरान मंदिर के निकट तालाब में ठाकुरजी को जलविहार कराया जाएगा।

किसान का वेश धारण किए भगवान चारभूजानाथ घर-घर दस्तक देंगे जिनका लोग पलक पावड़े बिछाकर अगवानी करेंगे। चारभूजा नाथ 18 घंटों तक श्रद्धालुओं के साथ रहेंगे और रविवार को निज धाम पहुंचेंगे। यह मेवाड़ का पहला मंदिर है जहां बेवाण में निज मूर्ति को विराजमान किया जाता है। उधर मंदिर कमेटी के सुदर्शन गाडोदिया ने बताया कि पदयात्रियों के मंदिर पहुंचने और दर्शन करने के पुख्ता प्रबंध किए है। 15 सितंबर को वामन जयंती मनाई जाएगी और भगवान चारभूजा नाथ सुबह सवा नौ बजे निज धाम पहुंचकर पुन: विराजमान होंगे।




सरसडी व माण्डल मठ के महन्त दीपक पूरी महाराज ने कोदिया स्थित लंगर का पूजा अर्चना के साथ ही प्रभु श्री चारभुजानाथ की तस्वीर पर माला , दीप प्रज्वलित कर किया। साथ ही पदयात्रा करने वाले भक्तो को प्रसाद खिला कर लंगर का शुभारंभ किया। इस दौरान बड़ी संख्या में पदयात्रियों के स्वागत को आतुर कोटड़ी श्याम के भक्त उपस्थित थे।


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