मां की ममता शर्मसार-: मरने के लिए बीच सडक़ फैंक दिया नवजात को, फरिश्ता बनकर आये कैलाश ने बचाई जान

मरने के लिए बीच सडक़ फैंक दिया नवजात को, फरिश्ता बनकर आये कैलाश ने बचाई जान
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भीलवाड़ा बीएचएन। मां बनने का सौभाग्य जिस महिला को नहीं मिल पाता है, वही समझ सकती है कि एक बच्चे को जन्म देना कितना शुकून देने वाला क्षण होता है। लेकिन यहां तो एक मां ने ही अपने एक दिन के नवजात शिशु को मरने के लिए बीच सडक़ फेंक दिया। इसी दौरान फरिश्ता बनकर आये कैलाश चौधरी ने इस बच्चे को झकझोर देने वाली यह घटना कोटा रोड़ स्थित रूपाहेली चौराहे की है। फिल्हाल नवजात का जिला अस्पताल में उपचार किया जा रहा है।

रूपाहली, हाल भीलवाड़ा निवासी कैलाश चौधरी ने बीएचएन को बताया कि वह, बीती रात करीब साढ़े आठ से पौने नौ बजे के बीच बाइक से भीलवाड़ा से अपने गांव जा रहा था। रूपाहेली चौराहे से 50 मीटर पहले बाइक की रोशनी में उसकी नजर सडक़ के बीच पड़ी, जहां उसे स्टॉल में से नवजात बच्चे के पैर हिलते दिखाई दिये। कैलाश ने बताया कि उसने तुरंत ही बाइक रोक दी। उसने पास जाकर देखा तो नवजात बच्चा स्टॉल में लिपटा पड़ा था। इसी दौरान उसका दोस्त भी वहां आ गया। इसके बाद वे दोस्त के साथ स्कॉर्पियो में इस नवजात को लेकर जिला अस्पताल की मातृ एवं शिशु इकाई में पहुंचा, जहां बच्चे को भर्ती करवाया गया। मामले की जांच सदर थाना पुलिस कर रही है।

डॉक्टर बोली-एक दिन का है नवजात

डॉक्टर इंद्रा सिंह ने बीएचएन को बताया कि रोड पर जो नवजात मिला है। वह एक दिन का है। उसका वजन 3 किलो है। हमने बाल कल्याण समिति और पुलिस को सूचना दे दी है।

बच्चे के उपर से गुजर गये वाहन

कैलाश ने बताया कि उसे जानकारी मिली कि कुमाता के नवजात को रोड़ पर छोड़ देने के बाद इस बच्चे के उपर से दो से तीन वाहन गुजर गये। गनीमत रही कि बालक टायर तले नहीं कुचला।

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