सांसद सीपी जोशी ने लिखा लोकसभा अध्यक्ष को पत्र: राहुल गांधी देश की सुरक्षा के लिए खतरा, पासपोर्ट निरस्त करने की मांग
भीलवाड़ा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए चित्तौडग़ढ सांसद सीपी जोशी ने उनका पासपोर्ट निरस्त करने की मांग करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा है।
संसद सदस्य नेता विपक्ष राहुल गांधी का पासपोर्ट निरस्त करने के संबध में पत्र में बताया कि राहुल जैसे किसी व्यक्ति का नेता विपक्ष के पद पर रहना देश की सुरक्षा के लिए खतरा है, और उनकी गतिविधियों को देखकर ये स्पष्ट हो जाता है वे देश विरोधी ताकतों के हाथों खेल रहे हैं।
जोशी ने राहुल के बयानों को देश और दुनिया के इतिहास और वर्तमान के परिपेक्ष में देखा जाना चाहिए क्योंकि वे एक जिम्मेदार पद पर हैं और ऐसी पार्टी और परिवार से आते हैं जिसने दशकों तक देश की सत्ता की बागडोर संभाली है।
पत्र में बताये तीन कारण
1- विदेश की धरती पर राहुल गांधी के दिए बयान किसी भी तरह से एक जिम्मेदार भारतीय नागरिक के तौर पर सही नहीं हैं।
2- राहुल के बयान राजनीतिक नहीं बल्कि विशुद्ध तौर पर देश विरोधी गतिविधियों के दायरे में आते हैं जो उनके आचरण को संदिग्ध बनाता है।
3- राहुल के बयानों से देश की आंतरिक स्थिरता और सीमाओं की सुरक्षा के अलावा अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी असर पड़ सकता है क्योंकि वे नेता विपक्ष के पद का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं।
भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने की मंशा
चित्तौड़गढ़ सांसद द्वारा लोकसभा स्पीकर ओम बिरला को पत्र में बताया की भारत के संदर्भ में विदेशी जमीन पर बयानबाजी के पहले नेता विपक्ष से अपेक्षा की जाती है कि वे कुछ बुनियादी तथ्यों को अपने ध्यान में रखें लेकिन राहुल जी ने स्वार्थवश अथवा विदेशी ताकतों के प्रभाव में देशहित को ताक पर रख दिया, इसके कई उदाहरण उनकी पिछली अमेरिका यात्रा में देखने को मिले जिनसे साबित होता है कि राहुल की मंशा देश में स्थिरता और अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत की छवि को नुकसान पहुंचाने का है।
पत्र में राहुल गाँधी के बयानों का जिक्र, आरोप और सवाल
1. दशकों तक आतंकवाद की मार झेल चुके सिख समुदाय को लेकर ये बयान देना कि भारत में उन्हें पगड़ी समेत अपने दूसरे पवित्र पहचानों की छूट नहीं है एक निकृष्टतम मिसाल है। जाहिर है वे कनाडा और अमेरिका में खालिस्तानी अलगाववादियों के एजेंडे को मजबूत करना चाहते हैं।
2. बतौर नेता विपक्ष राहुल अपने देश के उद्योगपतियों के नाम लेकर उनके खिलाफ मुहिम चला रहे हैं. क्या पूरी दुनिया में कोई एक भी ऐसी मिसाल है जब कोई पक्ष या विपक्ष का नेता दूसरे देश में जाकर अपने देश के उद्योगपतियों के खिलाफ बयानबाजी करता दिखा, आखिर राहुल के इस बयान के पीछे क्या मंशा है?
3. इतना ही नहीं विदेशी कंपनियां जो बिना सिर पैर के भारतीय कंपनियों को अपना निशाना बनाती है और बड़े पैमाने पर आऱ्थिक नुकसान भी पहुंचा चुकी हैं राहुल उन कंपनियों या संस्थाओं से जुड़े लोगों के साथ बैठके करते हैं क्या ये देश की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुचाने की कोशिश नहीं मानी जाएगी।
4. राहुल भारतीय समाज को बांटने की कोशिश कर उसकी एक विकृत तस्वीर पेश करते हैं।
5. भारत बांग्लादेश संबंध हाल के दिनों में संवेदनशील दौर से गुजर रहे हैं और इस दौरान जब उनसे बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमलों को लेकर सवाल पूछे गए तो पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। जबकि पिछले दिनों भारत सरकार इस मसले को बांग्लादेश के साथ उठा चुकी है, इससे स्पष्ट होता है कि राहुल जी एक तयशुदा एजेंडे पर चल रहे हैं जो भारत सरकार की अंतरराष्ट्रीय नीतियों के विपरीत है।
विदेश की जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी मुहिम में ना हो
सांसद जोशी के पत्र में बताया गया की इस तरह के आधारहीन और देश की छवि को धूमिल करने वाले बयानों को अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे में नहीं देखा जा सकता, ऐसे में ये जरुरी हो जाता है कि राहुल को नेता विपक्ष जैसे महत्वपूर्ण पद से इस्तीफा देना चाहिए। साथ ही अगर वे इन बातों के बावजूद नेता विपक्ष के पद पर बने रहना चाहते हैं तो उनका पासपोर्ट रद्द किया जाना चाहिए ताकि वे भविष्य में विदेश की जमीन का इस्तेमाल भारत विरोधी मुहिम अथवा एजेंडे चलाने के लिए नहीं कर सके, जो देश के भीतर के शांति सद्भाव और विदेश नीति के लिए एक गंभीर खतरा हो सकता है।
जोशी ने उक्त सभी उपरोक्त कारणों को ध्यान में रखते हुये अनुरोध किया की संसद सदस्य राहुल गांधी का पासपोर्ट निरस्त किया जाये।