गोगुन्दा क्षेत्र ने ली राहत की सांस: सात पिंजरे एवं 10 ट्रेप कैमरा लगाने के बाद आखिरकार कैद हुआ आदमखोर तेंदुआ

सात पिंजरे एवं 10 ट्रेप कैमरा लगाने के बाद आखिरकार कैद हुआ आदमखोर तेंदुआ
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जिला कलेक्टर भी मौके पर पहुंचे

उदयपुर। गत 18 एवं 19 सितंबर को ग्राम पंचायत छाली के ग्राम छाली एवं उण्डीथल में वन्यजीव द्वारा दो महिला एवं एक पुरुष का शिकार कर हताहत किये जाने और आमजन में तेंदुए का भय व्याप्त होने की घटना के मामले में मंगलवार को बड़ी कामयाबी मिली। करीब 5 दिन तक चले तलाशी अभियान के बाद आखिरकार मंगलवार को आदमखोर तेंदुए को पकड़ कर सुरक्षित स्थान हेतु रेस्क्यू किया गया जिससे आसपास क्षेत्र के निवासियों ने राहत की सांस लेते हुए वन विभाग सहित प्रशासन का आभार जताया। पैंथर पिंजरे में कैद होने की सूचना पर जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल भी मंगलवार सुबह गोगुन्दा पहुँचे और वन विभाग एवं टीम की हौसलाफजाई की।


उप वन संरक्षक (उत्तर) अजय चित्तौड़ा ने बताया कि प्रधान मुख्य वन सरंक्षक राजस्थान जयपुर एवं मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक राजस्थान जयपुर के आदेशानुसार एवं मुख्य वन सरंक्षक वन्यजीव उदयपुर, संभागीय मुख्य वन संरक्षक उदयपुर के निर्देशन में उप खण्ड अधिकारी गोगुन्दा नरेश सोनी सहित टीम ने उक्त वन क्षेत्र में पेंथर को पकडने हेतु सात पिंजरे एवं 10 ट्रेप कैमरा, भारतीय सेना एवं हिन्दुस्तान जिंक जावरमाईन्स की ड्रोन टीम द्वारा 5 दिनों तक ग्राम पंचायत मुख्यालय का अस्थायी कैम्प बनाया जाकर नियमित रुप से निगरानी कार्य किया गया।

इनका रहा सहयोग

उक्त कार्य में सहायक वन सरंक्षक उदयपुर (उत्तर) नरपत सिह चौहान, सहायक वन सरंक्षक कोटडा महेन्द्र सिह चुण्डावत, क्षेत्रीय वन अधिकारी अर्जुन लाल तावड, गोगुन्दा क्षेत्रीय वन अधिकारी मानवेन्द्र सिह कुकावास, सुरेन्द्र सिह शेखावत देवला, कैलाश मेनारिया भीण्डर, सुनील चौधरी सायरा, क्षेत्रीय वन अधिकारी वन्यजीव कुम्भलगढ जितेन्द्र सिह शेखावत, शान्तिलाल मेघवाल, जयसमन्द एवं 60-70 वनकर्मी एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन गोगुन्दा एवं स्थानीय सरपंच गणेश खैर ग्राम पंचायत छाली का पुर्ण सहयोग रहा। उक्त ऑपेरशन के दौरान वन्यजीव जोधपुर राजसमन्द एवं उदयपुर कि रेस्क्यु टीम भी उपस्थित रही। रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान उप वन सरक्षक वन्यजीव राजसमन्द सुदर्शन शर्मा, उप वन सरंक्षक वन्यजीव उदयपुर देवेन्द्र कुमार तिवारी का भी सहयोग रहा।


मंगलवार सुबह पिंजरे में मिलें पैंथर

चित्तौड़ा ने बताया कि पेंथर की गतिविधी से संबधीत सभी संवेदनशील स्थानों पर लगाये जाने वाले ट्रेप केमरो के अवलोकन के दौरान दिनांक 23 सितंबर को छाली ग्राम में लगाये गये केमरे में पैंथर की गतिविधी कैद हुई जिससे की उस क्षेत्र में पैंथर की उपस्थिति सुनिश्चित हो गई तत्पश्चात उसी क्षेत्र में दो अतिरिक्त पिंजरे मय केमरा ट्रेप के लगाये जाकर अतिरिक्त निगरानी टीमें तैनात की जाकर संबंधित क्षेत्र में ग्रामीणों की आवाजाही को पूर्ण रूप से रोका गया। प्रतिदिन की भांति मंगलवार को प्रातः 7 बजे सुनील चौधरी क्षेत्रीय वन अधिकारी सायरा अपनी टीम में साथ पिंजरो की निगरानी हेतु पहुंचे जिसमें दो पिंजरो में पेंथर कैद पाए गए। तदुपरांत उक्त दोनों नर पैंथरों को मौके से रेस्क्यु कर उनके स्वास्थ परीक्षण हेतु बायोलॉजिकल पार्क सज्जनगढ उदयपुर हेतु रवाना किया गया।

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