छात्रहितों के हनन के विरोध में स्कूल गेट बंद कर सडक़ पर उतरे हरिशेवा संस्कृत विद्यालय के छात्र, रोड़ जाम कर दिया धरना

छात्रहितों के हनन के विरोध में स्कूल गेट बंद कर सडक़ पर उतरे हरिशेवा संस्कृत विद्यालय के छात्र, रोड़ जाम कर दिया धरना
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भीलवाड़ा बीएचएन। हरिसेवा संस्कृत शिक्षक प्रशिक्षण विद्यालय के 150 स्टूडेंट शुक्रवार सुबह स्कूल गेट बंद कर सडक़ पर उतर आये और रोड जाम कर धरने पर बैठ गये। छात्रों का कहना हे कि छात्रों के हितों के हनन, दोषारोपण और मानसिक रूप से प्रताडि़त करने को लेकर आज यह कदम उठाया गया।


विद्यालय के फस्र्ट ईयर स्टूडेंट नवीन पालीवाल ने कहा कि इस विद्यालय में विगत कुछ दिनों से छात्रों के हितों का हनन हो रहा है। उन्हें दोषारोपण किया जा रहा है। साथ ही मानसिक रूप से प्रताडि़त भी किया जा रहा है। छात्र ने कहा कि वे आज मजबूर होकर एकत्रित हुये हैं। उन्हें अनशन पर बैठने को मजबूर किया गया। इसी को लेकर आज 150 स्टूडेंट ने स्कूल का गेट बंद कर दिया और सडक़ पर धरने पर बैठना पड़ा। छात्र ने कहा कि उनकी जो भी मांगे है, उन्हें पूरा नहीं किया गया है। उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। छात्रों को धमकाया जा रहा है कि उन्हें रेस्टीकेट कर दिया जायेगा।

ये बताई मांग

छात्र पालीवाल ने कहा कि छात्रों पर दोषारोपण बंद हो। स्कूल से शिक्षकों को दोषारोपित कर बाहर निकाला जा रहा है। छात्रों को मानसिक वेदना दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हमारी प्रमुख मांग है कि तानाशाही बंद हो, राजनीति बंद हो।

अधिकारों की लड़ाई के लिए उठाया कदम

छात्रों का कहना था कि आज वे अपने अधिकारों की लड़ाई, स्वाभिमान की लड़ाई और छात्रों पर जो आरोप लगाये गये हैं, उनके खिलाफ विद्यालय को बंद कर स्टूडेंट सडक़ पर अनशन पर बैठे हैं। ताकि हमारी मांगों पर निर्णय हो।

मांगे नहीं मानी तो मामला बढ़ेगा

छात्रों का कहना है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे आगे तक जायेंगे। यह मामला अब यहीं खत्म नहीं होगा। उन्हें झूंठें आश्वासन दिये जा रहे हैं कि गुरुजी के आने पर छात्रों की मांगे मान ली जायेगी।

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