न्यायालय परिसर में हंगामा- अपने आपको बता रहा था वकील, वकीलों ने पकड़ कर पुलिस को सौंपा
भीलवाड़ा बीएचएन। जिला एवं सेशन न्यायालय परिसर में फर्जी वकीलों के काली पेंट और सफेद शर्ट पहनकर घूमने की जिला अभिभाषक संस्था को मिल रही शिकायतों के बाद आज एक ऐसे व्यक्ति को संस्था पदाधिकारी ने वकीलों के सहयोग से पकडक़र पुलिस के हवाले कर दिया, जो अपने आपको वकील बता रहा था। पदाधिकारी का कहना है कि उक्त व्यक्ति के बैग में वकील का लोगो लगी दो डायरियों के साथ ही कई फाइलें भी मिली है। उधर, पुलिस का कहना है कि उक्त व्यक्ति को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
जिला अभिभाषक संस्था के पदाधिकारी नौनिहाल सिंह ने कहा कि बीते छह-सात महीने से शिकायतें आ रही थी कि यहां कोई व्यक्ति बिना डिग्री के सफेद शर्ट और काली पेंट पहन कर यहां प्रेक्टिस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को कई बार आगाह कर कार्रवाई की चेतावनी भी दी गई थी।
सिंह ने बताया कि बुधवार दोपहर को वे, पैरवी कर लौट रहे थे, तब उन्होंने महावीर सौलंकी को पकड़ा और पूछताछ की कि यहां कोर्ट परिसर में क्या कर रहे हो। इस पर महावीर ने खूद को अंबालाल वकील का जूनियर बताया। इस पर सिंह ने उक्त अधिवक्ता अंबालाल को बुलवाकर उक्त जानकारी दी। इस पर उन्होंने साफतौर पर मना किया कि महावीर न तो उनका जूनियर है और न ही मुंशी। इसके बाद सौलंकी के बच्चे के हाथ में बैग देखा और इस बैग को खोला तो उसमें काफी फाइलें थी। साथ ही अधिवक्ता की दो डायरियां भी मिली। इसके अलावा इसकी गाडी पर भी मोनोग्राम लगे हैं। यह भीलवाड़ा में कहता है कि मैं, वकील हूं।
सिंह ने कहा कि इससे प्रतित होता है कि इस व्यक्ति ने अधिवक्ता बनकर कई मासूम लोगों को लूटा है। सिंह ने आमजन से अपील की कि अगर उनके द्वारा कोई वकील किया जाता है तो पहले उसकी जांच कर लें ताकि ठगी का शिकार न हो। सिंह ने कहा कि इस व्यक्ति की सूचना पुलिस को दी। पुलिस उसे कोतवाली थाने ले गई। वहीं कोतवाली थाने के सहायक उप निरीक्षक सीपी विश्नौई ने बताया कि कोर्ट में पकड़े गये महावीरसिंह सौलंकी को शांतिभंग के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है।
महावीर पर एफआईआर
कोतवाली पुलिस ने बताया कि जिला अभिभाषक संस्था के नौनिहाल सिंह ने महावीर के खिलाफ इस मामले को लेकर एफआईआर दर्ज करवाई है। इस रिपोर्ट में उक्त घटना के साथ ही सिंह को देख लेने की धमकी देने का आरोप भी लगाया गया है। पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरु कर दी।