दिव्य और प्रेत दरबार ने लोगों को डाला हैरत में: भक्त ने लगाई जहाजपुर में पीताम्बर भगवान की अर्जी, बागेश्वर बाबा बोले - हिंदू एकजुट हो, जल्द पहुंचेगा बेवाण यथास्थान
भीलवाड़ा (राजकुमार माली) । बागेश्वर सरकार पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के दिव्य और प्रेत दरबार ने आज लोगों को हैरत में डाल दिया। दरबार में ऐसे लोग पहुंचे जो प्रेत आत्माओं से परेशान थे जबकि अन्य लोग विभिन्न समस्याएं के समाधान के लिए आये। दिव्य दरबार में एक भक्त ने जहाजपुर के पिताम्बर भगवान को लेकर अर्जी लगाई। इस पर शास्त्री ने कहा कि जल्द ही भगवान का विमान अपने स्थान पर पहुंच जाएगा लेकिन हिंदू संगठनों को एकजुट होने और प्रशासन से बात करने की जरूरत है।
आरसीएम के मैदान में हनुमन्त कथा के तीसरे दिन बागेश्वर सरकार के दिव्य दरबार में शामिल होने के लिए आज सुबह से ही लोग वहां पहुंचने शुरू हो गये थे। अपार भीड़ को देखते हुए आयोजन समिति ने आज के लिए पास की व्यवस्था भी स्थगित कर दी। दिव्य दरबार में मांडलगढ़ के होड़ा ग्राम के एक भक्त ने जहाजपुर में लम्बे समय से पीताम्बर भगवान का विमान अन्यत्र रखा होने को लेकर अर्जी लगाई। भक्त ने कहा कि वहां मस्जिद से पथराव किया गया और इसके बाद से विमान अपने स्थान पर नहीं पहुंचा है। उसे वहां पहुंचाया जाये। इस पर शास्त्री ने कहा कि हिंदू संगठन एक तारीख तय करे और प्रशासन से बात करे जल्दी ही विमान अपने स्थान पहुंच जाएगा। दिव्य दरबार में भक्त ने कहा कि इस मामले को लेकर जहाजपुर में महाड़ाव भी डाला लेकिन लोगों की संख्या कम आई इस पर शास्त्री ने हिंदू लोगों से एकजुट होने की बात भी कही।
धीरेंद्र शास्त्री ने भीलवाड़ा शहर के तिलक नगर में रहने राजेंद्र गर्ग और उनकी पत्नी को मंच पर बुलाया। शास्त्री ने कहा- आपको बेटियों के विवाह की चिंता है, व्यापार में दो साल से अवरोध बना हुआ है, एक व्यक्ति पीछे लगा है। आप कर्ज उतारने की अर्जी लेकर आए हो। सिर की समस्या ठीक हो जाएगी।
उपाय देते हुए उन्होंने बालाजी को सरसों के तेल का चोला तीन शनिवार को चढ़ाने और बागेश्वर धाम आकर कवच लेने की बात कही।
इसके बाद भीलवाड़ा के शास्त्री नगर स्थित हनुमान कॉलोनी के युवक को मंच पर बुलाया। जिले के गंगापुर से आई एक महिला को भी मंच पर बुलाया और कहा- आपके घर में क्लेश है, शत्रु पीछे लगे हैं, शिक्षा के मार्ग में सफल हो जाओगी। एक महिला ने तंत्र-मंत्र कराया है, समाधान हो जाएगा।धीरेंद्र शास्त्री ने झालावाड़ से आए एक युवक से चिट्ठी खुलवाई। उसे उसकी समस्याओं का समाधान बताया।एक बुजुर्ग को मंच पर बुलवाया। कहा कि आपके छोटे भाई ने आप पर मुकदमा दर्ज करवा रखा है। भतीजों ने आपके साथ मारपीट की। आपकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा।
दिव्य दरबार में अधिकांश लोग अपनी घरेलू और आर्थिक समस्याएं लेकर पहुंचे। पंडित शास्त्री ने जिन लोगों की बागेश्वर धाम ने अर्जी मंजूर की उन्हें पुकारा और वे जब पहुंचे उनसे बातचीत की और बाद में उनका पर्चा खोला तो उनके मन की बात उसमें लिखी हुई मिली। इस दौरान दो पत्रकारों राहुल कौशिक और प्रकाश चपलोत को पंडित शास्त्री ने तीन ऐसे लोगों को ढूंढकर लाने को कहा जिन्हें वे नहीं जानते। इन तीनों के पर्चे उन्होंने उन्हें लाने से पहले ही तैयार कर लिये। जब तीनों आये तो उनसे समस्याएं पूछी गई। पहला पर्चा अंजलि नामक युवती का खुला जो नौकरी और घरेलू समस्या से जुड़ा था जबकि दूसरा एक बेटी की बीमारी का था और तीसरे गुजरात के एक दम्पत्ति का आर्थिक मामला था। तीनों के पर्चे भी अलग अलग नम्बरों से खुलवाये गये। बाद में दोनों पत्रकारों में से एक का पर्चा भी शास्त्री ने खोला। इसमें भी घरेलू समस्या जुड़ी हुई थी।
प्रेत आत्माओं का लगा दरबार
पंडित शास्त्री ने पांडाल में मौजूद भूत प्रेम, वशीकरण, तंत्र मंत्र से पीडि़तों का भी दरबार लगाया। उन्होंने कहा कि अब उन्हें किसी मजार, मस्जिद पर जाने की जरूरत नहीं है। वे बालाजी के दरबार में आ गये है। उन्होंने अपनी शक्तियों के जरिए ऐसे लोगों को वहां बुलाया। इनमें से कई प्रेम आत्माओं पीडि़त लोग वहां खेलने लगे। बाद में इन सबको जल छिड़कर बालाजी की भभूत देकर मंत्र दिया कि वे पांच लोग अपनी कलाई पर बांध लें।
दिव्यांग और गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को मंच के पास बुलाकर बालाजी की भभूत दी।
सभी की अर्जियां स्वीकार
दरबार के अन्त में पांडाल में मौजूद और उन्हें सुन और देख रहे लोगों को मंत्र देते हुए कहा कि आज उन सभी की अर्जियां स्वीकार हो जाएगी लेकिन इसके लिए उन्हें मांस, मदिरा, लहसून व प्याज छोडऩा होगा और नियम में रहना होगा। अर्जी के लिए उन्होंने मंत्र भी बोला और कहा कि घर जाकर एक नारियल लाल कपड़े में लपेटकर ईष्ट देव के स्थान पर रख दें और उन्हें तीन दिन में सपने बन्दर दिखयें तो मान लेना कि उनकी अर्जी लग गई। बाद में जब भी उन्हें समय मिले वे बागेश्वर धाम यह नारियल लेकर पहुंचे ।
बीज मंत्र दिया
उन्होंने दिव्य दरबार में शामिल श्रद्धालुओं को बीज मंत्र का महत्व बताया। तीन बीज मंत्र भी दिए।
ओम बागेश्वराय नमः
ओम हनुमंते नमः
ओम संन्यासी देव नमः
उन्होंने कहा- रोजाना अगर आप इन मंत्रों का जप करेंगे तो जीवन सफल हो जाएगा। हमारे पास बीज मंत्र ही है। हमारी कोई फ्रेंचाइजी नहीं है। क्योंकि शक्तियों की कोई फ्रेंचाइजी नहीं होती।
अपार भीड़ उमड़ी
दिव्य दरबार को लेकर आज भीलवाड़ा ही नहीं पूरे राजस्थान और गुजरात से भी लोग यहां पहुंचे। इसके चलते आज बड़े तड़के से पांडाल में भीड़ बढती गई। आयोजन समिति ने आज के लिए पास स्थगित कर दिये। जिससे वहां आम आदमियों को प्रवेश मिल सका।
दिव्य दरबार में आने से पहले नाथद्वारा किये दर्शन
आज बड़े तड़के पंडित शास्त्री नाथद्वारा पहुंचे जहां उन्होंने श्रीनाथ जी के दर्शन किये। दर्शन करने के बाद वे भीलवाड़ा पहुंचे और दरबार लगाया ।
यहां उन्होंने श्रीनाथजी मंदिर में मंगला झांकी के दर्शन किए। उन्होंने दिव्य दरबार की शुरुआत में कहा- हमने श्री नाथ जी के चरणों में हिंदू राष्ट्र की अर्जी लगाई है।
राजस्थान एक अद्भुत प्रदेश है। यहां श्रीनाथजी, सांवलिया सेठ, मेहंदीपुर बालाजी और सालासर बालाजी बैठे हैं।
उन्होंने अर्जी लगाने वाले भक्तों से कहा- महिमा तो बागेश्वर बालाजी की है। हमारे बालाजी के चक्कर में पड़ोगे तो लौट कर जिंदगी में पीछे मुड़कर नहीं देखोगे। दरबार लगाना तो बहाना है, सबको बालाजी का भक्त बनाना है।
धीरेंद्र शास्त्री ने राम नाम का जप करके दिव्य दरबार की शुरुआत की।
रात्रि दो बजे पहुंचे भक्त के घर
कई सालों से बागेश्वर बाबा को भीलवाड़ा आने का सपना संजोने वालो सत्तू नामक व्यक्ति के घर बागेश्वर बाबा रात दो बजे उसके घर पहुंचे और वहां चाय भी पी।