एसीबी ने खंगाला डीटीओ इंस्पेक्टर महेश की पत्नी का लॉकर- निकला 586 ग्राम सोना, 100 ग्राम चांदी, वैल्यू 37.05 लाख

एसीबी ने खंगाला डीटीओ इंस्पेक्टर महेश की पत्नी का लॉकर- निकला 586 ग्राम सोना, 100 ग्राम चांदी, वैल्यू 37.05 लाख
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भीलवाड़ा प्रेमकुमार गढ़वाल। भष्ट्राचार निरोधक निरोधक ब्यूरो, अजमेर की टीम आकस्मिक चेकिंग के दौरान डिटेन किए गए परिवहन निरीक्षक महेश पारीक की पत्नी हंसु के नाम के रायला स्थित एसबीआई बैंक के लॉकर में 586 ग्राम सोना और 100 ग्राम चांदी मिली है। फिल्हाल बैंक खाते की डिटेल एसीबी को नहीं मिल पाई। उधर, इस कार्रवाई से परिवहन कार्यालय में बुधवार को भी हडकंप मचा रहा।

एसीबी सूत्रों के मुताबिक, भीलवाड़ा-चित्तौडगढ़़ हाइवे पर हजारीखेड़ा स्थित परिवहन विभाग के चेकपोस्ट पर हाइवे से गुजरने वाले वाहन चालकों से अवैध वसूली की एसीबी मुख्यालय को शिकायत मिली थी। इसके चलते महानिदेशक एसीबी के निर्देशानुसार एसीबी अजमेर के एसपी भागचंद मीणा के नेतृत्व में एक टीम मंगलवार को भीलवाड़ा बाईपास स्थित हजारी खेड़ा पहुंची, जहां परिवहन विभाग का दस्ता मिला, जिसमें परिवहन निरीक्षक महेश पारीक व पांच संविदाकर्मी शामिल थे और वाहनों की चैकिंग कर रहे थे। एसीबी ने इस आकस्मिक चैकिंग के तहत इंस्पेक्टर सहित 5 संविदाकर्मियों को डिटेन किया। इसके बाद इनकी और वाहन की तलाशी ली तो 1 लाख 47 हजार 440 रुपये की राशि मिली थी। एसीबी टीम ने निरीक्षक महेश पारीक के सांगानेर रोड स्थित घर की तलाशी ली जहां कुछ खास नहीं मिला। लेकिन पारीक की पत्नी के नाम का रायला एसबीआई में बैंक लॉकर होने का पता चला। इसके चलते बुधवार को एसीबी की टीम रायला बैंक पहुंची और एसबीआई में पत्नी हंसू पारीक के लॉकर को खंगाला। एसीबी सूत्रों ने बताया कि इस लॉकर से 586 ग्राम सोना और 100 ग्राम चांदी मिली। एसीबी ने इसकी वैल्यू 37 लाख 5 हजार रुपये आंकी है।

रायला का है पारीक परिवार

एसीबी सूत्रों का कहना है कि डीटीओ इंस्पेक्टर महेश पारीक मूलरूप से रायला का निवासी है। इसके चलते उसने अपनी पत्नी हंसू के नाम एसबीआई रायला में लॉकर ले रखा था और सोना-चांदी के गहने भी इसी लॉकर में रखे थे।

बैंक में हैं खाते, एसीबी ने मांगी डिटेल

एसीबी का कहना है कि एसीबी की जांच में इंस्पेक्टर पारीक, उसकी पत्नी व सास-ससुर के नाम एसबीआई रायला में बैंक खाते होने का पता चला है। इसके चलते एसीबी ने बैंक को एप्लीकेशन देकर इन बैंक खातों की डिटेल एसीबी से साझा करने को कहा है। बैंक खातों की डिटेल आने के बाद ही यह साफ हो पायेगा कि इन खातों कितनी राशि जमा है।

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