रिश्वत मामला-: तत्कालीन कास्या चौकी प्रभारी, कांस्टेबल व प्राईवेट व्यक्ति को चार-चार साल की सजा

तत्कालीन कास्या चौकी प्रभारी, कांस्टेबल व प्राईवेट व्यक्ति को चार-चार साल की सजा
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भीलवाड़ा बीएचएन। विशिष्ट न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम)पवनकुमार सिंघल ने नौ साल पुराने रिश्वत प्रकरण में तत्कालीन कास्या चौकी प्रभारी एएसआई प्रेमशंकर पंडित, कांस्टेब अंकु कुमार उर्फ अंकुर यादव व प्राईवेट व्यक्ति मुन्ना पुत्र नूर मोहम्मद लौहार को चार-चार साल की सजा और जुर्माने से दंडित किया गया है।

विशिष्ट लोक अभियोजक कृष्णकांत शर्मा ने बीएचएन को बताया कि 15 जून 2016 को चंपापुर निवासी भारमल पुत्र मांगीलाल बंजारा ने एएसपी, एसीबी राजसमंद राजेश चौधरी को प्रार्थना-पत्र पेश किया मैने व मेरे भाई बहादुर व भंवरलाल और पिता ने 16 जून 2016 को पुलिस चौकी कास्या पर एएसआई प्रेमशंकर पंडित को रिपोर्ट दी कि हमारी खातेदारी जमीन पटवार हल्का गुढ़ा के राजस्व ग्राम में है। उसमें 13 जून 16 की रात को गांव के ही शिवलाल पुत्र हरलाल भाट व हीरालाल पुत्र मदनलाल भाट द्वारा नाजायज रूप से प्रवेश कर पत्थर डालकर अतिक्रमण कर दिया। उलाहना देने पर गाली-गलौच की। इस रिपोर्ट पर चौकी प्रभारी प्रेमशंकर कार्रवाई कर रहे हैं। एएसआई ने रिपोर्ट पर कार्रवाई करने की एवज में परिवादी व उसके काका शिवलाल बंजारा के सामने 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की ओर कहा कि तेजरी जमीन को नपवाकर 13 बीघा 10 बिस्वा जमीन निकलवा दूंगा व कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर दूंगा। तब परिवादी के पिता 5 हजार रुपये एएसआई को देने लगे तो उन्होंने कांस्टेबल अंकुर को देने के लिए कहा। इस पर अंकुर को 5 हजार रुपये दे दिये थे। अब एएसआई प्रेमशंकर 4500 हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। परिवादी ने कहा कि वह काम के बदले रिश्वत नहीं देकर रंगे हाथ पकड़वाना चाहता हूं।

इस शिकायत पर 16 जून 16 को एसीबी एएसपी राजेश चौधरी के नेतृत्व में टीम ने ट्रैप का आयोजन किया। इसके तहत परिवादी व उसके काका को कास्या चौकी भेजा गया। परिवादी ने चौकी से बाहर आकर निर्धारित इशारा एसीबी टीम को किया। टीम चौकी पर पहुंची जहां चौकी के गेट पर ही एक व्यक्ति बाहर आता दिखाई दिया, जिसकी ओर परिवादी ने इशारा करते हुये कहा कि इस व्यक्ति को कांस्टेबल अंकुर के कहने पर 30 हजार रुपये दिये। यह राशि उसने अपनी पेंट की पीछे की जेब में रख लिये। एसीबी ने उसे पकड़ा और चौकी में जाकर परिवादी के बताये अनुसार कांस्टेबल अंकुर को पकड़ा। इसके बाद कांस्टेबल के बताये अनुसार टीम कार्यालय में पहुंची जहां एएसआई प्रेमशंकर पंडित बैठे मिले। एसीबी ने तीनों से नाम पते पूछे । कांस्टेबल के कहने पर रिश्वत राशि लेने वाले प्राईवेट व्यक्ति ने खुद को कास्यां निवासी मुन्ना पुत्र नुर मोहम्मद लौहार बताया। एसीबी ने मुन्ना के कब्जे से 30 हजार रुपये रिश्वत राशि बरामद की। इसके बाद एएसआई प्रेमशंकर पंडित, कांस्टेबल अंकुर यादव व मुन्ना लौहार को गिरफ्तार किया गया। एसीबी ने तफ्तीश के बाद तीनों आरोपितों के खिलाफ न्यायालय में चार्जशीट पेश की। एसीबी कोर्ट ने सुनवाई पूरी होने पर बुधवार को इस मामले में फैसला सुनाते हुये एएसआई प्रेमशंकर पंडित, कांस्टेबल अंकुर यादव व प्राईवेट व्यक्ति मुन्ना को चार-चार साल की सजा से दंडित किया। साथ ही एएसआई व कांस्टेबल पर 20-20, जबकि प्राईवेट व्यक्ति पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

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