तेहरान को पश्चिम एशिया में अस्थिरता का मूल कारण: G7 समिट बीच में छोड़ निकले डोनाल्ड ट्रंप, क्या ईरान में आने वाली है तबाही! ट्रंप ने दी वॉर्निंग, बोले- 'तेहरान खाली करो'

G7 समिट बीच में छोड़ निकले डोनाल्ड ट्रंप, क्या ईरान में आने वाली है तबाही! ट्रंप ने दी वॉर्निंग, बोले- तेहरान खाली करो
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नई दिल्ली। दुनिया भर की निगाहें एक बार फिर पश्चिमी एशिया पर टिकी हैं। इसके इलाके में इजराइल और ईरान के बीच बढ़ता संघर्ष दुनिया भर की चिंताएं बढ़ा रहा है। इस बीच, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सख्त लहजे में ईरान को परमाणु हथियार बनाने से रोकने की चेतावनी दी है।

उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर कई पोस्ट किए। ट्रंप ने अपने पोस्ट में तेहरान के लोगों को तुरंत शहर खाली करने की सलाह दी। इसके साथ ही, व्हाइट हाउस ने ऐलान किया कि ट्रंप जी7 शिखर सम्मेलन को जल्दी छोड़कर "कई अहम मामलों" पर ध्यान देने के लिए रवाना हो रहे हैं।

ट्रंप ने अपने बयानों में ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर अपनी पुरानी नीति को दोहराया और इसे रोकने की वकालत की है। उनके इस रुख ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं कि क्या यह तनाव युद्ध की ओर बढ़ सकता है

ईरान को डील साइन कर लेनी चाहिए थी'

ट्रंप ने ट्रुथ सोशल पर लिखा, "ईरान को वो 'डील' साइन कर लेनी चाहिए थी, जो मैंने उनसे कहा था। इंसानी जिंदगियों का नुकसान का अफसोस है। मैं साफ-साफ कहता हूं ईरान को परमाणु हथियार हासिल नहीं करने देंगे। मैंने बार-बार यही कहा है। सबको तुरंत तेहरान खाली कर देना चाहिए।"

उनके इस बयान ने न सिर्फ ईरान, बल्कि वैश्विक नेताओं के बीच भी खलबली मचा दी है। ट्रंप का यह बयान उस वक्त आया है, जब इजराइल और ईरान के बीच तनाव चरम पर है। ट्रंप ने साफ कर दिया कि वह ईरान के परमाणु महत्वाकांक्षाओं को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेंगे।

ईरान और अमेरिका के बीच किस डील की बात कर रहे हैं ट्रंप?

साल 2018 में अमेरिका ने ईरान के साथ चल रहे ज्वॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन (GCPOA) से हाथ खींच लिया था। इस डील के तहत ये तय था कि ईरान सैन्य मकसद के लिए परमाणु हथियार विकसित नहीं करेगा।

हालांकि ईरान हमेशा कहता रहा है कि वह नागरिक हितों के लिए परमाणु कार्यक्रम चला रहा है। लेकिन अमेरिका और इजरायल को इस बात कर संदेह है कि ईरान परमाणु हथियार विकसित करने के लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। इसी शक के आधार पर अमेरिका ने ईरान के साथ ज्वॉइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन तोड़ दिया था। इसके साथ ही ईरान पर कई प्रतिबंध भी लगा दिए।

ईरान के खिलाफ लड़ाई में इस्राइल के साथ जी-7 देश; तेहरान को पश्चिम एशिया में अस्थिरता का मूल कारण बताया

जी-7 देशों ने ईरान के खिलाफ लड़ाई में इस्राइल का खुलकर समर्थन कर दिया है। सोमवार को देर रात जारी एक बयान में जी-7 देशों ने इस्राइल के प्रति समर्थन व्यक्त किया और उसके प्रतिद्वंद्वी ईरान को पश्चिम एशिया में अस्थिरता का मूल कारण बताया। इस बयान में इलाके में शांति और स्थिरता का आह्वान किया गया। ईरान और इस्राइल के बीच हवाई युद्ध बीते शुक्रवार को शुरू हुआ था, जब इस्राइल ने ईरान पर हवाई हमले किए थे। जवाब में ईरान ने भी इस्राइल पर ड्रोन और मिसाइलों से हमले किए थे। इससे इलाके में तनाव और चिंता बढ़ गई है। यहां अक्तूबर 2023 में गाजा पर इस्राइल के सैन्य हमले की शुरुआत के बाद से ही तनाव था।

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