घोड़ास आश्रम के महंत सरजू दास महाराज दोष मुक्त,महंत बोले सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं

घोड़ास आश्रम के महंत सरजू दास  महाराज दोष मुक्त,महंत बोले सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं
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भीलवाड़ा हलचल पोक्सो न्यायालय ने आज एक महत्वपूर्ण फैसले में घोड़ास आश्रम के महंत सरजू दास महाराज को दोष मुक्त कर दिया। बरी होने के बाद महंत बोले सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं

अधिवक्ता अंबालाल कुमावत ने यह जानकारी देते हुए बताया कि आश्रम में काम करने वाले बालिका ने उन पर दुष्कर्म का आरोप लगया था।

उन पर 6 दिसंबर22 को एक महिला पर साधु के वेश में आए एक व्यक्ति ने तेजाब फेंक दिया था। इसमें महिला बुरी तरह से झुलस गई थी। महिला को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल में महिला ने महंत सरजू महाराज पर एसिट अटैक के आरोप लगाए थे।महंत सरजूदास के वकील विक्रम सिंह राठौड़ ने बताया- पॉक्सो कोर्ट 2 में 21 दिसंबर को मामला आया था। इसके बाद लगातार सुनवाई हुई। पीड़िता भी कोर्ट में आई उसके भी बयान हुए। बयानों में विरोधाभास था और वह बार-बार बयान बदल रही थी।

वकील ने कहा- इसके बाद जो सबूत पेश किए उनके बयानों और कहानी में भी विरोधाभास था। ऐसे में, आज पॉक्सो कोर्ट ने महंत सरजूदास महाराज को दोषमुक्त करार दे दिया

जैसे ही उन्हें बरी किया गया उन्होंने कहा- सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं।




बता दें कि भीलवाड़ा के घोड़ास डांग के हनुमान मंदिर के महंत सरजूदास महाराज के पास महाराष्ट्र, यूपी समेत 4 राज्यों के 5 आश्रमों को चलाने की जिम्मेदारी भी थी।




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भीलवाड़ा के घोड़ास गांव में डांग का हनुमान मंदिर के पहले महंत गोविंद गुरू थे। उनकी मौत के बाद संत रामदास आश्रम की गद्दी पर बैठे थे। साल 2007 में संत रामदास की मौत के बाद सरजूदास को डांग का हनुमान आश्रम की गद्दी पर बैठाया गया था।

सरजूदास बचपन से ही संत रामदास के साथ रहने लग गए थे। सरजूदास की उम्र करीब 17 साल थी। तब उन्हें डांग का हनुमान मंदिर आश्रम से महाराष्ट्र जलगांव में स्थित आश्रम में भेज दिया गया था। उसके बाद 2007 में संत रामदास की मौत के बाद सरजूदास को डांग का हनुमान मंदिर सहित अन्य आश्रम की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। सरजूदास के पास भीलवाड़ा के दो आश्रम के साथ, महाराष्ट्र के जलगांव, यूपी के अयोध्या व उत्तराखंड के बद्रीनाथ में स्थित आश्रम की जिम्मेदारी थी।



कार्तिक पूर्णिमा पर घोड़ास मंदिर में होता है विशेष आयोजन: महंत सरजू दास के नेतृत्व में कार्तिक पूर्णिमा पर मांडल क्षेत्र में स्थित घोड़ास गांव मे स्थित हनुमान मंदिर परिसर में विशाल आयोजन होता है. यहां प्रतिवर्ष काफी दीपदान होता है. इस साल भी 7 लाख मिट्टी के दीपक से दीपदान किया गया. इस दौरान आश्रम में स्थित गोविंद सरोवर में लाखों की संख्या में भक्त परिक्रमा कर महाराज के दर्शन करने पहुंचते हैं.


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