अमरनाथ यात्रा के लिए कड़ी सुरक्षा में पहला जत्था रवाना, उपराज्यपाल ने दिखाई हरी झंडी

जम्मू। पहलगाम आतंकी हमले के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच, वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों का पहला जत्था बुधवार सुबह जम्मू से रवाना हो गया। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई। साथ ही 38 दिवसीय यात्रा औपचारिक रूप से गुरुवार को शुरू होगी।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं। उन्होंने बुधवार को पहलगाम और बालटाल में जुड़वां आधार शिविरों की ओर तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई।अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना होने वाले श्रद्धालु बम बम भोले की जयकारा लगाते हुए बाबा के दर्शन को रवाना हुए हैं. TV9 भारतवर्ष से बात करते हुए श्रद्धालुओं का कहना है कि हमें बाबा ने बुलाया है. इसलिए हम यहां आए हैं. हम बिना डर और खौफ के यात्रा कर रहे हैं और बाबा से प्रार्थना करते हैं कि देश में सुख शांति बनी रहे.इस बीच जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भगवती नगर यात्री निवास से पहला जत्था रवाना करने के बाद अमरनाथ यात्रा को लेकर कहा, “श्री अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड ने यात्रा के लिए बेहतरीन व्यवस्थाएं की हैं. जम्मू-कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों ने भी कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है. देशभर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आए हुए हैं. लोगों में खासा उत्साह है. भोलेनाथ के भक्त सभी आतंकी हमलों को दरकिनार कर भारी संख्या में यहां पहुंचे हैं. मुझे उम्मीद है कि इस साल की यात्रा पिछली यात्राओं से भी बेहतर होगी.”
कश्मीर में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर के लिए 38 दिन की तीर्थयात्रा की शुरुआत कल 3 जुलाई से घाटी से 2 रास्तों से शुरू होगी. ये 2 रास्ते हैं अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम और गांदरबल जिले में छोटा (14 किलोमीटर) लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल रूट. इस यात्रा का समापन अगले महीने 9 अगस्त को होगा.
पहलगाम में 22 अप्रैल को पर्यटकों पर हुए आतंकवादी हमले के बाद गंभीर सुरक्षा चिंताओं के कारण पहलगाम और बालटाल दोनों अक्षों से यात्रा मार्ग को नो-फ्लाई जोन घोषित किया गया है। पहलगाम में हमला करने वाले आतंकवादियों का आज तक पता नहीं चल पाया है।
