राजस्थान विधानसभा में पहले ही दिन 'वोट चोर' बनाम 'गालीबाज', सत्र की शुरुआत हंगामेदार

राजस्थान विधानसभा में पहले ही दिन वोट चोर बनाम गालीबाज, सत्र की शुरुआत हंगामेदार
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जयपुर – राजस्थान विधानसभा के मानसून सत्र का पहला दिन ही तीखी बहस और हंगामे की भेंट चढ़ गया। विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का ऐसा दौर चला कि सदन की कार्यवाही को दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद बुधवार तक के लिए स्थगित करना पड़ा। 'वोट चोरी' और 'गालीबाज' जैसे शब्दों ने सदन की गरिमा को तार-तार कर दिया।

कांग्रेस विधायकों ने लगाए 'वोट चोर गद्दी छोड़' के नारे

विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने हाथों में तख्तियां लेकर विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने सरकार के खिलाफ 'वोट चोर, गद्दी छोड़' के नारे लगाए। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने आरोप लगाया कि कुछ लोग वोट चोरी करके बार-बार सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं और कांग्रेस इसे बर्दाश्त नहीं करेगी। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने सीधे तौर पर चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि वोट चोरी करके कांग्रेस पार्टी ने चुनाव आयोग को बेनकाब कर दिया है।





भाजपा का पलटवार: 'गालीबाज राहुल गांधी' के नारे

कांग्रेस के आरोपों के जवाब में भाजपा विधायक भी आक्रामक हो गए। उन्होंने 'गालीबाज राहुल गांधी' के नारे लगाए। सरकारी मुख्य सचेतक जागेश्वर गर्ग ने मीडिया से बात करते हुए राहुल गांधी और कांग्रेस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि उनके पास राहुल गांधी के गालीबाज होने के सबूत हैं और इसके वीडियो भी मौजूद हैं।

स्पीकर ने जताई नाराजगी, सदन की मर्यादा बनाए रखने की अपील

इस हंगामे के बीच विधानसभा अध्यक्ष ने दोनों पक्षों को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने कांग्रेस विधायकों को सदन में तख्तियां नहीं लहराने और नारेबाजी नहीं करने को कहा। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि यह कोई बाजार या चौराहा नहीं है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को भी मर्यादा बनाए रखने की सलाह दी।

प्रमुख मुद्दे जो सदन में गूंजे:

वोट चोरी का आरोप: कांग्रेस ने लोकसभा और विधानसभा चुनाव में 'वोट चोरी' का आरोप लगाया, जिसकी जांच की मांग की।

एसआई भर्ती मामला: गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि एसआई भर्ती पर कोर्ट के आदेश का परीक्षण किया जा रहा है और निर्दोषों को परेशान नहीं किया जाएगा।

खेजड़ी संरक्षण कानून: शिव से निर्दलीय विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने खेजड़ी संरक्षण कानून लागू करने की जोरदार मांग की।

सदन में इस तरह के हंगामे ने यह साफ कर दिया है कि यह मानसून सत्र काफी तूफानी रहने वाला है।

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