भीलवाड़ा: यशराज लखारा की संदिग्ध मौत, परिजनों ने दोस्तों पर लगाया हत्या का आरोप, सिपाही पर भी संदेह, मोर्चरी पर किया प्रदर्शन
भीलवाड़ा (संपत माली)। जोधडास रेलवे फाटक के पास मिली लाश की पहचान आर सी व्यास कॉलोनी निवासी यशराज लखारा के रूप में हुई है। सोमवार को परिजनों ने मोर्चरी पर पहुंचकर प्रदर्शन किया और आरोप लगाया कि यशराज की हत्या कर दोस्तो ने शव को रेलवे पटरी पर फेंका ।
मृतक के जीजा महावीर लखारा ने बताया कि रविवार को यशराज कुछ दोस्तों के साथ अजमेर रोड स्थित एक होटल पर खाना खाने गए थे। इसके बाद उनका फोन बंद हो गया। परिजनों ने गुमशुदगी की रिपोर्ट सुभाष नगर थाने में दर्ज कराई, लेकिन देर रात प्रतापनगर थाना पुलिस को रेलवे ट्रैक के पास उनका शव मिला। पर उन्होंने परिजनों को सूचना नहीं दी उधर पुलिसका कहना है कि पहचान के लिए कोई दस्तावेज नहीं मिला था।
महावीर ने आरोप लगाया कि पुलिस ने शव की पहचान के पर्याप्त सबूत होने के बावजूद परिवार को सूचना नहीं दी। उन्होंने दावा किया कि जिन दोस्तों के साथ यशराज खाना खाने गए थे, उन्हीं ने उनकी हत्या कर शव रेलवे ट्रैक पर डाल दिया।
परिजनों ने प्रदर्शन करते हुए मृतक के परिवार को सरकारी नौकरी, आर्थिक सहायता देने और आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। गौरतलब है कि रविवार को बरामद शव तीन टुकड़ों में मिला था और उसे एक बैनर में बांधकर मोर्चरी लाया गया था।
भाई ने दी रिपोर्ट, मौत को बताया हत्या
आरसी व्यास कॉलोनी के अभिषेक लखारा ने प्रतापनगर पुलिस को रिपोर्ट दी। अभिषेक ने बताया कि उसका छोटा भाई बाबू उर्फ यशराज लखारा लाइट फिटिंग का काम करता था। 31 अगस्त को बाबू घर नहीं आया तो उसे फोन किया। उसने आधे घंटे में घर आने की बात कही। रात एक बजे तक भी जब वह नहीं आया तो दुबारा कॉल करने पर फोन बंद आया। एक सितंबर को भी फोन बंद आने पर उसने बाबू के दोष्तों चिराग साहू, अर्पित आदि से जानकारी ली तो कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिला।
थाने के सामने दुकान पर मिला यशराज का स्कूटर
अभिषेक ने बताया कि उसने यशराज की तलाश शुरु की। वह सुभाषनगर थाने गया तो छोटे भाई का स्कूटर थाने के सामने एक दुकान के बाहर खड़ा मिला। इस पर यशराज की तलाश की, लेकिन कहीं पता नहीं चला। दो सितंबर को उसने, यशराज की गुमशुदगी की रिपोर्ट सुभाषनगर थाने में दर्ज करवाई। शाम को जानकारी मिली कि जिला अस्पताल की मोर्चरी में एक शव पड़ा है, वहां जाकर देखा तो शव यशराज का था।
कुछ दिन पहले ही यशराज के खिलाफ दर्ज करवाया था केस
अभिषेक ने रिपोर्ट में बताया कि उसके भाई यशराज लखारा के खिलाफ सुभाषनगर थाने में केस दर्ज हुआ था। केस दर्ज कराने वाले व्यक्ति भी यशराज से रंजिश रखते थे। उसे जान से मारने की धमकियां देते थे। यशराज 31 अगस्त को दोस्तों के साथ ढाबे पर गया था। लेकिन दोस्तों ने दो दिन से लापता होने के बाद भी अभिषेक के बारे में परिजनों को कोई सूचना नहीं दी।
भाई ने जताई आशंका, यशराज की हत्या कर शव ट्रैक पर फैंका
अभिषेक का आरोप है कि उसके भाई यशराज की हत्या हुई है। उसने रिपोर्ट में बताया कि यशराज के साथ मारपीट की गई। सबूत मिटाने की नियत से उसका मोबाइल गायब कर दिया। शव को रेलवे ट्रैक पर फैंक दिया, ताकि मामला हत्या का प्रतीत न होकर दुर्घटना का दिखाया जा सके।
पुलिस पर भी गंभीर आरोप
अभिषेक ने रिपोर्ट में बताया कि 31 अगस्त की रात एक बजे प्रताप नगर पुलिस ने यशराज का शव एमजीएच की मोर्चरी में रखवा दिया। मृतक के पास आधार कार्ड, पेन कार्ड, डीएल होने के बाद भी पुलिस ने परिजनों को सूचित नहीं किया। इसके बाद दो सितंबर की रात नौ बजे पुलिस ने मौत की सूचना अभिषेक लखरा को दी। इस मामले में पुलिस ने भी घोर लापरवाही बरती। मामले को दबाने का प्रयास किया।
थाने के सिपाही पर भी संदेह
अभिषेक ने बताया कि दो सितंबर को जब वह सुभाषनगर थाने गया तो थाने के एक सिपाही ने उसे बताया कि तेरे भाई की गाडी पड़ी है। यहां से ले जाना, वरना गायब हो जायेगी। अभिषेक ने रिपोर्ट में बताया कि पहले भी जब सुभाषनगर थाने पर यशराज का केस हुआ तब भी इस सिपाही ने यशराज को गुमराह किया था। अभी भी सिपाही का इस मामले में हाथ है। अभिषेक ने सिपाही के मोबाइल की कॉल डिटेल निकलवाने की मांग भी की। अभिषेक ने आरोप लगाया कि जतीन, आशुतोष आदि इस मामले में शामिल हैं। बाकी नाम सिपाही को पता है।
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