भीलवाड़ा की सड़कें फिर डूबी, जलभराव से घरों में घुसा पानी, स्कूलों में अवकाश, देखे वीडियो

भीलवाड़ा की सड़कें फिर डूबी, जलभराव से घरों में घुसा पानी, स्कूलों में अवकाश, देखे वीडियो
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भीलवाड़ा में बड़ला चौराहे पर नाले उफान पर है। 


🔴 सड़कें बनीं तालाब, घर जलमग्न

🔴 लोग घरों में कैद

🔴 अंडर ब्रिज लबालब, उफान पर

🔴 डामर की सड़कें बनीं जलभराव की जड़

भीलवाड़ा( हलचल)। भीलवाड़ा शहर और जिले में दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं। शुक्रवार शाम से शुरू हुई बारिश शनिवार सुबह तक जारी रही, जिससे शहर की सड़क तालाब में तब्दील हो गई। भारी जलभराव और बारिश को देखते हुए जिला कलेक्टर जसमीत सिंह संधू ने शनिवार, 6 सितंबर को जिले के समस्त सरकारी व निजी विद्यालयों में अवकाश घोषित किया है।

भीलवाड़ा के हालातो को दिखा रहे है फोटो जर्नल‍िस्‍ट संपत माली

भीलवाड़ा में शुक्रवार शाम से लगातार बारिश जारी रहने के कारण शहर की मुख्य और गली-मोहल्लों की सड़कें पानी से लबालब हैं। आजाद नगर, पन्नाधाय सर्किल, मानसरोवर झील चौराहा, रोडवेज बस स्टैंड, मियाचंदजी की बावड़ी जूनावास बड़ा मंदिर और रामधाम रोड, कॉलेज के पीछे शास्‍त्रीनगर कॉलोनी समेत दर्जनों इलाकों में लोगों के घरों तक पानी पहुंच गया।


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जलभराव की असली वजह

सिर्फ आसमान से बरसता पानी ही भीलवाड़ा की इस दुर्दशा का कारण नहीं है। असल वजह है शहर की सड़कों पर बार-बार परत दर परत डामर चढ़ाना है । इससे हर इलाके में सड़कें 2 से 3 फीट तक ऊंची हो गईं और घर नीचे चले गए। अब हालात यह हैं कि बारिश का पानी सड़क पर भरता है, जो सड़क से नीचे सीधे घरों में घुस जाता है। नालों की सफाई खाना पूर्ति किए जाने से समस्या और विकराल हो गई। यह गंभीर लापरवाही अब शहरवासियों की बड़ी मुसीबत बन चुकी है। राज्य सरकार ने भी पिछले दिनों से गंभीरता से लेते हो सड़कों की खुदाई कर फिर से बने के निर्देश दिए हैं लेकिन नगर निगम और नगर विकास न्यास इस बारे में मूक दर्शक बनी है और सरकार के आदेश को ताक में रखा हुआ है।

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जनजीवन अस्त-व्यस्त

तेज बारिश से आम लोगों का जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। मजदूरी के लिए निकले श्रमिक फंसे रहे। खुले में चल रहे निर्माण कार्य पूरी तरह ठप हो गए। आज अब तक कई समाचार पत्र घरों तक नहीं पहुंच पाए। लोग घरों में ही कैद होकर रह गए।

प्रशासन की तैयारी पर सवाल

हर साल की तरह इस बार भी नगर निगम और जिम्मेदार विभागों की पोल खुल गई। बरसात के मौसम से पहले नालों की सफाई, जल निकासी व्यवस्था और वैकल्पिक इंतजाम सिर्फ कागजों पर ही रहे। लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक जिम्मेदार विभाग लापरवाही करेंगे और जनता पानी में डूबती रहेगी।

स्कूलों में छुट्टी, पर समस्याएं बाकी कलेक्टर द्वारा स्कूलों में छुट्टी घोषित करना बच्चों के लिए राहत है, लेकिन बड़ों के लिए कामकाज और आवाजाही का संकट गहराता जा रहा है। शहरवासी कह रहे हैं कि बारिश होना स्वाभाविक है, लेकिन सड़कें ऊंची करके घरों को नीचे धकेल देना और निकासी व्यवस्था को नजरअंदाज करना प्रशासन की नाकामी का बड़ा सबूत है।

भीलवाड़ा की जनता आज दोहरी मार झेल रही है – एक तरफ आसमान से बरसता पानी और दूसरी तरफ प्रशासन की लापरवाही। अब जिम्मेदारों से सवाल यह है कि आखिर कब तक हर बारिश के साथ शहर जलमग्न होता रहेगा और लोग अपने ही घरों में बेबस होकर पानी से लड़ते रहेंगे।

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