भीलवाड़ा में ‘कागज़ों की सिटी बसें’, डीटीओ ने फर्जीवाड़े की जांच के दिए आदेश

भीलवाड़ा में ‘कागज़ों की सिटी बसें’, डीटीओ ने फर्जीवाड़े की जांच के दिए आदेश
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भीलवाड़ा हलचल:

भीलवाड़ा शहर में सिटी बसों के नाम पर बड़े पैमाने पर परमिट का दुरुपयोग होने का मामला सामने आया है। जिला परिवहन अधिकारी (डीटीओ) रामकिशन चौधरी ने तुरंत इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए एक इंस्पेक्टर को तैनात किया गया है और उनसे विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।


भीलवाड़ा की हलचल खबर का असर अब साफ़ दिखाई देने लगा है। सिटी बसों के नाम पर वर्षों से चल रहे फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद जिला परिवहन अधिकारी ने जांच के आदेश दे दिए हैं

हलचल ने यह मुद्दा उठाया कि पिछले 20 साल से भीलवाड़ा में कोई भी सिटी बस सड़कों पर नहीं चल रही, जबकि कागजों में हर साल परमिट का नवीनीकरण होता रहा।

इन परमिटों का दुरुपयोग करते हुए बसों को दूसरे कामों में लगाया गया और टैक्स चोरी की गई।

विभाग और बस मालिकों की मिलीभगत से सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ।

जनता को सुविधा के नाम पर सिर्फ धोखा मिला और उन्हें मजबूरी में ऑटो रिक्शा पर निर्भर रहना पड़ा।

प्रशासन की कार्रवाई

हलचल की खबर पर तुरंत संज्ञान लेते हुए जिला परिवहन अधिकारी रामकिशन चौधरी ने जांच के आदेश जारी किए।

मामले की तह तक जाने के लिए एक इंस्पेक्टर को जांच सौंपी गई है और रिपोर्ट मांगी गई है।


सरकारी खजाने को नुकसान

स्थानीय सूत्रों के अनुसार, बसों के फर्जी नवीनीकरण और परमिट का दुरुपयोग करने से सरकारी खजाने को करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ है। बस मालिकों और परिवहन विभाग के कुछ अधिकारियों की मिलीभगत की भी आशंका जताई जा रही है।

जनता की मुश्किलें

स्थानीय लोग बताते हैं कि बस सेवा का लाभ न मिलने के कारण उन्हें मजबूरी में ऑटो और रिक्शा का उपयोग करना पड़ता है, जिससे उनकी जेबें कट रही हैं।

डीटीओ का कहना

डीटीओ रामकिशन चौधरी ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। यदि मामले की गंभीरता सही साबित हुई, तो यह पिछले दो दशकों में सरकारी खजाने से करोड़ों रुपए निकालने का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा होगा।


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