सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति बने, राष्ट्रपति मुर्मु ने दिलाई शपथ

सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति बने, राष्ट्रपति मुर्मु ने दिलाई शपथ
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दिल्ली ।सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को उपराष्ट्रपति की शपथ ले ली है। सीपी राधाकृष्णन देश के 15वें उपराष्ट्रपति बने हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु राधाकृष्णन को राष्ट्रपति भवन में उपराष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई।

दरअसल, सीपी राधाकृष्णन ने मंगलवार को हुए उपराष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त विपक्षी उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी को हराकर जीत हासिल की। बता दें कि यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को अचानक इस्तीफे के बाद आयोजित किया गया था।

देश के 15वें उपराष्ट्रपति बने राधाकृष्णन

एनडीए उम्मीदवार राधाकृष्णन को मंगलवार को भारत के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया। चुनाव के बाद राज्यसभा के महासचिव और निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने परिणाम घोषित करते हुए बताया कि 781 सांसदों में से 767 ने मतदान किया, जिससे 98.2 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ

सीपी राधाकृष्णन ने शुक्रवार को देश के 15वें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने राष्ट्रपति भवन में उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।

चुनाव और परिणाम

- उपराष्ट्रपति चुनाव में एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को हराया।

- चुनाव अधिकारियों के अनुसार, 781 सांसदों में से 767 ने वोट डाले।

- मतदान प्रतिशत 98.2 दर्ज किया गया।

### पृष्ठभूमि

- यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को अचानक दिए गए इस्तीफे के बाद आयोजित कराया गया था।


सीपी राधाकृष्णन की राजनीतिक पृष्ठभूमि और करियर खासा विविध और लंबा रहा है। वे तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे, और 16 साल की उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़ गए थे[1][2]। उन्होंने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री प्राप्त की[1][2]।

प्रमुख राजनीतिक पड़ाव

- **1980 के दशक में जनसंघ और भाजपा से जुड़े रहे**। 1998 और 1999 में दो बार लोकसभा सांसद के तौर पर कोयंबटूर से जीत दर्ज की, जो उस समय दक्षिण भारत में भाजपा के लिए अहम उपलब्धि मानी गई[2][3][4]।

- **2004 से 2007** तक तमिलनाडु भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे और संगठन को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई[2][5]।

- 2020 से 2022 तक केरल भाजपा के प्रभारी भी रहे[5]।

- **राज्यपाल का अनुभव:** 2023 में झारखंड राज्यपाल, फिर 2024 में महाराष्ट्र के राज्यपाल बने। इसके साथ ही तेलंगाना के राज्यपाल और पुडुचेरी के उपराज्यपाल का भी अतिरिक्त कार्यभार संभाला[6][7]।

- वे दक्षिण भारत के पहले ओबीसी (OBC) नेता भी हैं, जिन्हें उपराष्ट्रपति बनने का अवसर मिला[1][2]।

## छवि और योगदान

- राजनीति में उन्हें “कोयंबटूर का वाजपेयी” और "तमिलनाडु का मोदी" जैसी उपाधियां मिली हैं, उनकी सौम्य एवं समावेशी राजनीति के लिए[4][5]।

- वे कॉलेज स्तर के टेनिस चैंपियन, धावक और खेलों के शौकीन भी हैं[1][2]।

- राज्यपाल रहते सभी दलों से बेहतर संबंधों के लिए भी पहचाने जाते हैं[4]।

सीपी राधाकृष्णन का राजनैतिक और प्रशासनिक अनुभव उन्हें वर्तमान भारतीय राजनीति में एक अनुभवी, लोकप्रिय, और समावेशी नेता के तौर पर स्थापित करता है


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