गंगरार में पकडे गये दो तस्कर, दो क्विंटल गांजा बरामद, लाया जा रहा था भीलवाड़ा-राजसमंद में बेचने के लिए

भीलवाड़ा /चित्तौड़गढ़(हलचल)। चित्तौड़गढ़ जिले के गंगरार थाना क्षेत्र में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो तस्करो को गिरफ्तार कर लिया। उनके कब्जे से करीब दो क्विंटल गांजा बरामद किया गया जिसकी कीमत लाखों रुपए बताई जा रही है। पूछताछ में सामने आया कि यह गांजा तस्करी का नेटवर्क सिर्फ भीलवाड़ा ही नहीं, बल्कि राजसमंद और चित्तौड़गढ़ जिले तक फैला हुआ है।
चित्तौड़गढ़ जिले की स्पेशल टीम (DST) को इस अवैध तस्करी की जानकारी मिली थी। इस इनपुट के आधार पर गंगरार थाना पुलिस को अलर्ट किया गया। इसके बाद थानाधिकारी दुर्गा प्रसाद के नेतृत्व में टीम बनाई गई और तुरंत कार्रवाई शुरू की गई। पुलिस को खबर मिली कि उदयपुर की ओर से एक ट्रक गंगरार की तरफ आने वाला है।
सूचना के आधार पर पुलिस की टीम चित्तौड़गढ़-भीलवाड़ा सिक्स लेन रोड पर मेडीखेडा पुलिया के पास पहुंची और निगरानी शुरू की। थोड़ी देर बाद एक संदिग्ध ट्रक आता हुआ दिखाई दिया। पुलिस ने उसे रुकवाने का प्रयास किया, लेकिन चालक ने ट्रक को तेज गति से भगाने की कोशिश की। चालक ने ट्रक को सिक्स लेन रोड की दीवार के पास बने कच्चे रास्ते से निकालकर भागना चाहा। हालांकि, पुलिस ने पीछा कर ट्रक को घेर लिया और जीप को सामने खड़ा कर किसी तरह उसे रोकने में सफलता हासिल की।पुलिस अधीक्षक मनीष त्रिपाठी ने बताया कि पूछताछ में दोनों आरोपियों ने पुलिस को बताया कि वे इससे पहले भी गांजे की तस्करी कर चुके हैं। उन्होंने स्वीकार किया कि कुछ समय पहले करीब 4 क्विंटल गांजा पकड़ा गया था, जो उड़ीसा और विशाखापट्टनम से लाया गया था। इस बार भी वही से गांजा मंगवाया गया था। उनका मकसद इसे राजस्थान के कई जिलों में सप्लाई करना था।
आरोपी भीलवाड़ा का रहने वाला
वाहन से 47 पैकेट में में भरा लगभग 197 किलो65 ग्राम गांजा मिला। मौके पर आरोपियो को गिरफ्तार कर लिया गया और गांजे की खेप जब्त कर ली गई। उस समय चालक सीट पर गंगरार निवासी राजू बैरवा पुत्र रतनलाल बैरवा और खलासी सीट पर भीलवाड़ा निवासी संपत बंजारा पुत्र रामेश्वर बंजारा बैठे हुए थे। पुलिस ने दोनों को तुरंत गिरफ्तार कर लिया और ट्रक सहित थाने ले आई। प्रारंभिक पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह लंबे समय से इस अवैध कारोबार से जुड़ा है। गांजे की सप्लाई आंध्रप्रदेश और ओडिशा से होने के बाद स्थानीय नेटवर्क के जरिए चित्तौड़गढ़, भीलवाड़ा और राजसमंद जिलों तक पहुंचाई जाती है। यहां से यह खेप छोटे स्तर के डीलरों को बांटी जाती है।
लाखों में कीमत
पुलिस अधिकारियों के अनुसार बरामद गांजे की कीमत काले बाजार में लाखों रुपए आंकी गई है। अगर इसे छोटे-छोटे पैकेटों में बेचा जाता तो कीमत और भी ज्यादा होती। इस कारोबार में कई लोग जुड़े हुए हैं और इसका नेटवर्क बेहद संगठित तरीके से काम करता है।
भीलवाड़ा ,राजसमंद और चित्तौड़गढ़ तक फैला नेटवर्क
पुलिस सूत्रों के अनुसार यह गिरोह सिर्फ भीलवाड़ा तक सीमित नहीं है। इसके तार राजसमंद और चित्तौड़गढ़ जिले तक फैले हुए हैं। खासकर हाईवे और गांवों के रास्तों का इस्तेमाल इस अवैध कारोबार के लिए किया जाता है। कुछ जगहों पर तो स्थानीय स्तर पर 'गोदाम' बनाकर माल छिपाया जाता है और फिर मौके पर सप्लाई की जाती है।
पुलिस की जांच तेज
गंगरार पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर मादक पदार्थ अधिनियम (NDPS एक्ट) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। अब आरोपी से नेटवर्क के अन्य साथियों के नाम पूछे जा रहे हैं। पुलिस का कहना है कि इस गिरोह में और भी लोग शामिल हैं जिनकी धरपकड़ के लिए टीमें सक्रिय कर दी गई हैं।
स्थानीय स्तर पर चिंता
इस घटना ने एक बार फिर चित्तौड़गढ़ और भीलवाड़ा के आमजन के बीच चिंता बढ़ा दी है। पिछले कुछ वर्षों से गांजा और अफीम जैसी नशे की वस्तुओं का अवैध व्यापार तेजी से बढ़ रहा है। युवाओं तक इसकी पहुंच आसानी से होने लगी है जिससे नशे की लत और अपराध दोनों बढ़ रहे हैं।
अधिकारियों का बयान
पुलिस अधिकारियों ने साफ कहा है कि नशे का यह व्यापार किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जिले में जगह-जगह चेकिंग बढ़ाई जाएगी और नेटवर्क के अन्य सदस्यों को जल्द पकड़ा जाएगा।फिलहाल पुलिस ने गांजा और वाहन को जब्त कर लिया है। आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा। वहीं जांच एजेंसियां अब इस बात की भी पड़ताल कर रही हैं कि तस्करी की इस खेप का असली मालिक कौन है और यह नेटवर्क किन-किन जिलों में सक्रिय है।
