एक और हादसा, ट्रेन से कटकर महिला की मौत: अंडरब्रिज में पानी-कीचड़ से लोग रोज़ मौत का सफऱ तय करने को मजबूर

अंडरब्रिज में पानी-कीचड़ से लोग रोज़ मौत का सफऱ तय करने को मजबूर
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भीलवाड़ा बीएचएन। शहर में जिम्मेदारों की लापरवाही बुधवार सुबह एक महिला की जान ले बैठी। बायोस्कोप के सामने अंडरब्रिज में भरे पानी और कीचड़ से बचने के लिए रोज़ाना सैकड़ों लोग पटरी क्रॉस कर आते-जाते हैं। प्रशासन को स्थिति की जानकारी होने के बावजूद समाधान न होने से आखिरकार मंजू (24) पत्नी नानूराम प्रजापत की जान चली गई। इस हृदयविदारक घटना की खबर जब पीहर और ससुराल वालों को मिली तों चीख-पुकार मच गई।

सुभाषनगर थाना पुलिस ने बताया कि मंजू, मालोला चौराहे के पास 200 फीट रोड की रहने वाली थी। बुधवार को किसी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए वह घर से पैदल निकली। बायोस्कोप के नज़दीक अन्य महिलाएं उसका इंतज़ार कर रही थीं। कीचड़ व बरसाती पानी से अंडरब्रिज की दुर्दशा से परेशान होकर मंजू रेलवे ट्रैक से गुजऱ रही थी, तभी जयपुर-उदयपुर ट्रेन की चपेट में आ गई और मौके पर ही उसकी मौत हो गई।

शव को जिला अस्पताल ले जाकर पोस्टमार्टम कराया गया। हादसे से मंजू के पीहर और ससुराल दोनों परिवारों में मातम छा गया। बताया जा रहा है कि उसकी शादी पहले हो चुकी थी और दो-तीन महीने से ही उसने ससुराल में आना-जाना शुरू किया था।

बता दें की शहर के लगभग सभी अंडरब्रिज में सालों से बरसात और नालों के पानी भरने की समस्या है। मजबूरी में लोग मौत का जोखिम उठाकर पटरी पार करते हैं। कई बार हादसे हो चुके हैं, लेकिन रेलवे और प्रशासन आंख मूंदे बैठे हैं।

स्थानीय लोग ग़ुस्से में

वे कहते हैं, यह मौत मंजू की नहीं, यह मौत तो जिम्मेदारों की लापरवाही की देन है। बरसों से अंडरब्रिज में पानी-कीचड़ से परेशान लोग मौत का खतरा उठाकर ट्रैक पार करते हैं। पहले भी हादसे हुए, चेतावनियाँ दी गईं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।मंजू का जाना सिर्फ़ एक परिवार की त्रासदी नहीं, यह शहर की व्यवस्था पर करारा तमाचा है। सवाल यह है कि कब तक लोग इस बदइंतज़ामी के कारण अपनी जान गंवाते रहेंगे?

लोगो ने दो सितम्बर को ही किया था जल सत्याग्रह

भीलवाड़ा में बायोस्कोप के सामने अंडर ब्रिज में जल भराव की समस्या से परेशान होकर दो सितम्बर को पटरी पार के वार्डो के लोगों ने बड़ी संख्या में महिलाओं और बच्चों के साथ जल सत्याग्रह किया। इस दौरान लोगो ने अंडर ब्रिज के भरे हुए पानी में घुटनों घुटनों तक उतरे ओर प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए विरोध प्रदर्शन किया । इसके बावजूद जिम्मेदारों के कानो पर जू तक नहीं रेंगी।

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