गैस सिलेंडर में ब्लास्ट-: सतर्कता से बची परिवार के आठ सदस्यों की जान, सीमेंट के चद्दर उड़े, दीवारों में आई दरारें, सामान जला, तीन लाख का नुकसान

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बिजौलियां (ज्योति पाराशर)। गुरुवार अल सुबह एक मकान में एलपीजी सिलेंडर भभक उठा। परिवार व आस-पास के लोगों ने आग पर काबू पाने के अथक प्रयास किये, लेकिन आग काबू नहीं हो पाई और सिलेंडर में ब्लास्ट हो गया। गनीमत रही कि खतरे को भांपते हुये परिवार के आठ सदस्यों के साथ ही आस-पास के घरों से लोग ब्लास्ट से पहले दूर भाग छूटे, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। धमाका इतना तेज था कि डेढ़ से दो किलोमीटर दूर तक आवाज सुनाई दी। इस घटना में घरेलु सामान जल गया। खिडक़ी दरवाजे टूट गये। दीवारों में भी दरारें आ गई। पीडि़त गृहस्वामी का कहना है कि उसे ढाई से तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है। यह घटना, जलिंद्री ग्राम पंचायत के पीपली का डेरा गांव में हुई। हादसे के बाद से लोग सहमे हुये हैं।

पीपली का डेरा निवासी भोजराज पुत्र कोका बंजारा ने बीएचएन को बताया कि गुरुवार सुबह करीब साढ़े चार बजे उसकी पत्नी मीरा गैस चूल्हे पर चाय बना रही थी। इस दौरान सिलेंडर के रेगुलेटर में आग लग गई। मीरां ने उसे नींद से उठाया। इसके बाद उसने व आस-पास के लोगों ने सिलेंडर में लगी आग पर काबू पाने के हर संभव प्रयास किये। लेकिन आग काबू में आती दिखाई नहीं दी। भोजराज ने बताया कि खतरे को भांपते हुये वह, उसकी पत्नी सहित सभी आठ सदस्यों के साथ घर से निकल कर दूर चले गये। इससे पहले उसने अपने आस-पास के घरों में रहने वाले लोगों को भी खतरे से आगाह करते हुये दूर जाने के लिए कहा। इसके चलते पड़ौसी भी घरों से दूर चले गये।

कुछ देर बाद ही गैस सिलेंडर में तेज धमाका हुआ। इससे सीमेंट के चद्दर टूट गये। घर की दीवारों में दरारें आ गई। बिस्तर, कपड़़े, पंखे, कुलर, खिड़कियां व दरवाजे जल और टूट गये। वहीं सिलेंडर भी पूरी तरह बिखर गया। भोजराज ने बताया कि धमाके की आवाज डेढ़ से दो किलोमीटर दूर जलिंद्री तक सुनाई दी। घटना के बाद मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई। भोजराज ने कहा कि इस घटना में उसे ढाई से तीन लाख रुपये का नुकसान हुआ है।

उज्जवला योजना के तहत मिला था गैस कनेक्शन

भोजराज ने बताया कि आग से जो सिलेंडर ब्लास्ट हुआ, यह सिलेंडर उसे उज्जवला योजना के तहत मिले गैस कनेक्शन के साथ मिला था। चार-पांच दिन पहले ही नया सिलेंडर लगाया था। उधर, हादसे के बाद गैस एजेंसी से स्टॉफ भी सर्वे के लिए मौके पर पहुंचा।

ये आठ लोग मौजूद थे घर में

भोजराज ने बताया, घटना के वक्त वह स्वयं सो रहा था। उसकी पत्नी मीरां चाय बना रही थी। इस दौरान घर में उसका बेटा धनपाल, बेटी रीना, दोहिता, भांजा उजेश, अंकल के पौता और पौती घर में मौजूद थे। समय रहते खतरे को भांप लेने से एक बड़ा हादसा टल गया।

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