भीलवाड़ा- कुमाता के पिता ने सीन रीक्रिएट कर बयां की नाजायज संबंधों से जन्में नवजात के साथ निर्दयता की दर्दनाक कहानी, बाप-बेटी को जेल भेजा

भीलवाड़ा बीएचएन। 20 दिन के मासूम नवजात को पत्थरों के बीच दबाने की दर्दनाक वारदात में पुलिस की जांच लगातार आगे बढ़ रही है। शुक्रवार को पुलिस ने आरोपित युवती और उसके पिता से सीताकुंड के जंगल में सीन रीक्रिएट करवाया। मौके पर जुटी भीड़ के सामने आरोपित पिता ने पूरा घटनाक्रम दोहराते हुए बताया कि किस तरह उसने नवजात के मुंह में पत्थर डालकर फेविक्विक से चिपकाया और फिर पत्थरों के बीच दबा दिया। इस दौरान बेटी कुछ दूरी पर बैठी सबकुछ देखती रही। उपस्थित लोग यह दृश्य देखकर स्तब्ध रह गए और आरोपित बाप-बेटी को कोसते हुए इसे मानवता को शर्मसार करने वाली घटना करार दिया। उधर, आरोपित बाप-बेटी को अदालत के आदेश से जेल भिजवा दिया।
मांडलगढ़ थाने के एएसआई रामलाल मीणा ने बीएचएन को बताया कि इस अमानवीय कृत्य को अंजाम देने के आरोप में चित्तौडग़ढ़ जिले की एक 22 वर्षीया युवती व उसके पिता को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। आरोपित बाप-बेटी को शनिवार सुबह करीब 11 बजे घटनास्थल सीताकुंड के जंगल ले जाया गया। जहां दोनों से नवजात के मुहं में पत्थर डालकर फेविक्विक से मुंह चिपकाने के बाद पत्थरों के बीच दबा देने के घटनास्थल का मौका तस्दीक करवाया गया। जांच अधिकारी का कहना है कि सीन रीक्रिएशन से मामले की कडिय़ां जोडऩे में मदद मिलेगी और आरोपित बाप-बेटी की वास्तविक भूमिका साफ हो जाएगी।
कैसे रची गई निर्दयता की साजिश, सीन रीक्रिएट करवाया
कुमाता के 65 वर्षीय पिता 23 सितंबर को नवजात के साथ हुई निर्दयता की घटना बयां की। आरोपित ने घटना का सीन रीक्रिएट कर बताया कि वह, अपनी बेटी और नवजात के साथ वहां तक कैसे पहुंचा। इसके बाद उसने नवजात के मुंह में पत्थर डालकर कैसे फेविक्विक से मुंह चिपका कर उसे पत्थरों के बीच दबा दिया और कुमाता कितनी दूरी पर बैठी यह सबकुछ बिना किसी विरोध के देखती रही। मौके पर मौजूद जिन लोगों ने भी यह घटना देखी वे, आरोपित बाप-बेटी को कौसते हुये इसे मानवता को शर्मसार करने वाली घटना बता रहे थे।
अवैध संबंधों के चलते जन्मा था नवजात
जांच अधिकारी का कहना है कि आरोपित युवती की मानसिक स्थिति कुछ ठीक नहीं है। ऐसे में बेगूं थाना इलाके में रहने वाले उसी के रवि नामक रिश्तेदार ने उससे जबरन अवैध संबंध स्थापित कर लिये। इस घटना के वक्त युवती के माता-पिता खेतों पर काम करने गये हुये थे। अवैध संबंधों के चलते युवती गर्भवती हो गई थी।
गर्भवती होने का पता चला तो गांव छोड़ बूंदी चले गये
छह माह तक युवती के गर्भवती होने का परिजनों को पता नहीं चला। बाद में जब पता चला तो युवती व उसके माता-पिता ने गांव छोड़ दिया। वह, बूंदी जिले के बंदा का खेड़ा गांव चले गये और खुद को मध्यप्रदेश के रतलाम का निवासी बताकर जगदीश रैगर का मकान किराये ले लिया। इसके बाद तीनों वहीं रह रहे थे।
बूंदी अस्पताल में हुआ नवजात का जन्म
बंदा का खेड़ा में रहने के दौरान युवती को प्रसव पीड़ा होने लगी। इसके चलते युवती को उसके माता-पिता बूंदी के सरकारी अस्पताल ले गये, जहां उन्होने युवती को रतलाम निवासी रामलाल की पत्नी बताकर भर्ती करवा दिया, जबकि युवती अविवाहित थी। इसी अस्पताल में युवती ने नवजात बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद युवती व नवजात को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।
अस्पताल से लौट आये किराये के मकान में
युवती व नवजात को लेकर अस्पताल से उसके माता-पिता दुबारा बंदा का खेड़ा गांव में किराये के मकान में लौट आये। जहां 20 दिन और रुके। इसके बाद 23 सितंबर को ये लोग मकान खाली कर तिलिस्वां लौट आये थे।
महादेव के दर्शन की आड़ में पहुंचे जंगल
आरोपित ने अपनी पत्नी को बिजौलियां जाने की बात कहते हुये कहा कि वह बेटी के साथ महादेव के दर्शन कर आ रहा है। इसके चलते मां चली गई। बाप-बेटी नवजात को लेकर सीताकुंड के जंगल में पहुंचे, जहां आरोपित बाप ने नवजात को निर्दयता करने के बाद पत्थरों के बीच दबा दिया।
तिलिस्वां धर्मशाला में रहने लगे
दवजात को पत्थरों में दबाने के बाद बाप-बेटी तिलिस्वां स्थित धर्मशाला में जाकर रहने लगे। उधर, पुलिस भी छानबीन करती हुई वहां पहुंच गई। जहां आरोपित पिता बैठा मिला। पुलिस ने उससे पूछताछ कर बेटी के बारे में जानकारी चाही तो उसने कहा कि बेटी तो उसके गांव है। जबकि बेटी भी धर्मशाला में ही थी। पुलिस ने बाप-बेटी को इसी धर्मशाला से डिटेन कर लिया और थाने ले जाकर पूछताछ की।
बदनामी छिपाने के लिए रचा षड्यंत्र
पुलिस के अनुसार पूरे घटनाक्रम का उद्देश्य अवैध संबंधों से जन्मे नवजात और उससे जुड़ी बदनामी को छिपाना था। इसी वजह से मासूम को मौत के हवाले करने का अमानवीय कृत्य रचा गया।
