पुलिस पर फायरिंग मामला-: कोबरा गैंग के लीडर व हरिपुरा के दो चचेरे भाइयों को ठिकाने लगाने के लिए मंदसौर से 65 हजार रुपये में खरीदी थी 2 पिस्टल

कोबरा गैंग के लीडर व हरिपुरा के दो चचेरे भाइयों को ठिकाने लगाने के लिए मंदसौर से 65 हजार रुपये में खरीदी थी 2 पिस्टल
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भीलवाड़ा बीएचएन। कोबरा गैंग के राजसमंद जिले के लीडर व हरिपुरा के दो चचेरे भाइयों को ठिकाने लगाने के लिए ही सिकंदर उर्फ लॉटरी व उसका साथी जगदीश कुमावत दो नये पिस्टल मध्यप्रदेश के मंदसौर से खरीदकर लाये गये थे। लेकिन रास्ते में ही हमीरगढ़ पुलिस का इन लोगों से सामना हो गया ओर सिकंदर ने पुलिस पर फायरिंग कर दी। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में खुद सिकंदर को पैर में एक गोली लगी, जिससे वह घायल हो गया। पुलिस का कहना है कि इन बदमाशों के पकड़े जाने से एक बड़ी वारदात टल गई।

पुलिस के अनुसार, हमीरगढ़ थाना प्रभारी संजय गुर्जर को एंटी गेंगस्टर टास्क फोर्स डीएसटी के प्रभारी हैडकांस्टेबल कालूराम से सूचना मिली कि कोतवाली थाने का हिस्ट्रीशीटर सिकन्दर उर्फ लॉटरी और मांडल थाने का हिस्ट्रीशीटर जगदीश कुमावत व उनके साथ दो अन्य व्यक्ति है, जो कीया सेल्टोस सफेद रंग की कार में सवार होकर हत्या करने की नियत से हथियार लेकर साडास की ओर से भीलवाडा आ रहे है । सूचना पर आईपीएस प्रोबेशनर जतिन जैन के नेतृत्व में थाना प्रभारी गुर्जर ने मय जाब्ता के काबरा से हमीरगढ़ रोड पर ईको पार्क के पास नाकाबंदी की। इस दौरान आई उक्त कार को रुकवाने पर कार सवार सिकंदर उर्फ लॉटरी ने पुलिस पर फायरिंग शुरु कर दी। तीन राउंड फायरिंग के बाद थाना प्रभारी गुर्जर ने जवाबी कार्रवाई करते हुये दो राउंड फायर किये। इनमें से एक गोली सिकंदर के पैर में लग गई, जिससे वह घायल हो गया। पुलिस ने कावांखेड़ा कच्ची बस्ती निवासी 32 वर्षीय सिकन्दर रंगरेज उर्फ लॉटरी पुत्र मोहम्मद आजाद रंगरेज, हरीपुरा निवासी जगदीश 33 पुत्र जगन्नाथ कुमावत, मुलतया खातोला, आसींद हाल स्वरुपगंज निवासी अजीज मोहम्मद 33 पुत्र हकीम मोहम्मद व आलमास निवासी प्रहलाद कुमावत 22 पुत्र भैरूलाल कुमावत को दबोच लिया। इनके कब्जे से चार मैगजीन, 12 कारतूस व दो पिस्टल के साथ ही कार जब्त की है। पुलिस ने सिकन्द्र के अलावा अन्य तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक पूछताछ में हिस्ट्रीशीटर सिकन्दर उर्फ लॉटरी ने पुलिस को बताया कि सुरेन्द्र रावत जो कि कोबरा गैंग राजसमन्द का मुखिया हमारे निशाने पर था। रावत ने 5 दिन पहले ही जगदीश कुमावत को जान से मारने की धमकी इंस्टाग्राम आईडी पर दी थी। इसी तरह हरिपुरा निवासी मनीष पुत्र महावीर कुमावत व सुरेंद्र पुत्र बंशीलाल कुमावत भी उनके निशाने पर थे। वे, इनको ठिकाने लगाने वाले थे। मनीष व सुरेंद्र से जगदीश की पुरानी अदावत बताई गई है। इसके लिए ही उन्हें हथियार की आवश्यकता थी। वे, हथियार लेने मध्यप्रदेश के मंदसौर इलाके में गये थे। वहां से 65 हजार रुपये में दो पिस्टल व कारतूस खरीदे थे। हथियार लेकर लौटने के दौरान ही उनका पुलिस से सामना हो गया।

एसएचओ ने हवाई फायर कर दी समर्पण की चेतावनी

पुलिस ने बताया कि सूचना के मुताबिक जैसे ही कार आई। उसे रुकवाने का इशारा किया। चालक ने कार को रोका। उसमें चार लोग सवार थे। कार में खलासी सीट पर बैठे सिकंदर उर्फ लॉटरी ने नीचे उतरकर पिस्टल पुलिस जाब्ता की ओर तान दी। एक फायर किया, जो पुलिस जीप के चालक साइड से निकल गया। आईपीएस जतिन जैन व एसएचओ गुर्जर ने अपना परिचय देते हुये हथियार नीचे रखकर आत्मसमर्पण के लिए समझाइश की, लेकिन सिकंदर ने पुलिस को जान से मारने की नीयत से दूसरा फायर कर दिया, जो पुलिस जीप के चालक साइड बंपर में लगा। पुलिस जाब्ता ने जवाबी पाऊयर किया, तभी एक गोली सिकंदर को पैर में लगी।

सिकंदर को गुरु मानता है जगदीश

पुलिस का कहना है कि हिस्ट्रीशीटर सिकंदर व जगदीश का संपर्क डेढ़ दो साल से है। जगदीश, सिकंदर को अपना गुरु मानता है। जगदीश ने ही सुरेंद्र व मनीष को निशाने पर लेने के लिए कहा था। इसके चलते प्लानिंग की गई ओर इसके लिए मध्यप्रदेश से वे हथियार भी खरीद लाये थे।

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