भीलवाड़ा सहित प्रदेश के बड़े अस्पतालों की सुरक्षा होगी सीआईएसएफ के जिम्मे ! मंत्री खींवसर की घोषणा

भीलवाड़ा हलचल।
राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में अब सुरक्षा व्यवस्था एक नए दौर में प्रवेश करने जा रही है। चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने संकेत दिए हैं कि जल्द ही प्रदेश के प्रमुख अस्पतालों, जिनमें भीलवाड़ा का महात्मा गांधी अस्पताल भी शामिल है, में केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) सुरक्षा की कमान संभालेगा। अब तक अस्पतालों की सुरक्षा होमगार्ड के भरोसे चल रही थी, लेकिन नई व्यवस्था लागू होने के बाद सुरक्षा स्तर में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।
जयपुर से होगी शुरुआत
मंत्री खींवसर ने जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान बताया कि इस योजना की शुरुआत जयपुर के सवाई मानसिंह (SMS) अस्पताल से की जाएगी। एसएमएस अस्पताल और उससे जुड़े अन्य अस्पतालों में सबसे पहले CISF को तैनात किया जाएगा। इसके बाद यह व्यवस्था भीलवाड़ा, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, बीकानेर सहित सभी बड़े सरकारी अस्पतालों में चरणबद्ध तरीके से लागू की जाएगी।
सुरक्षा व्यवस्था होगी और सख्त
CISF की तैनाती के बाद अस्पताल परिसरों में प्रवेश नियंत्रण, सीसीटीवी निगरानी, आकस्मिक प्रतिक्रिया दल और मरीजों-परिजनों की आवाजाही पर बेहतर नियंत्रण जैसी व्यवस्थाएं लागू होंगी। इससे न केवल डॉक्टरों और नर्सिंग स्टाफ की सुरक्षा मजबूत होगी, बल्कि अस्पताल में होने वाली तोड़फोड़ या झगड़े जैसी घटनाओं पर भी लगाम लगेगी।
होमगार्ड विभाग में मची हलचल
इस घोषणा के बाद होमगार्ड विभाग में खलबली मच गई है। अब तक अस्पतालों की सुरक्षा का जिम्मा संभाल रहे होमगार्ड जवानों को डर है कि नई व्यवस्था के बाद उनकी ड्यूटी समाप्त हो सकती है। सूत्रों के अनुसार, चिकित्सा विभाग और गृह विभाग के बीच इस विषय पर प्रारंभिक चर्चा चल रही है कि इन जवानों को अन्य स्थानों पर कैसे समायोजित किया जाए।
मंत्री ने क्या कहा
मंत्री खींवसर ने कहा—
> “अस्पतालों में सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। मरीजों, उनके परिजनों और स्टाफ को एक सुरक्षित माहौल देना सरकार की जिम्मेदारी है। CISF जैसी पेशेवर एजेंसी इस काम को और प्रभावी ढंग से संभाल सकती है।”
निगरानी व्यवस्था का होगा सर्वे
सूत्रों के अनुसार, भीलवाड़ा के महात्मा गांधी अस्पताल प्रशासन ने भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर रिपोर्ट तैयार करनी शुरू कर दी है। आने वाले हफ्तों में अस्पताल परिसर में प्रवेश और निगरानी व्यवस्था का सर्वे किया जाएगा, ताकि CISF की तैनाती के लिए आवश्यक आधारभूत ढांचा तैयार किया जा सके।
