सरकारी-निजी स्कूलों की यूनिफॉर्म होगी एक,: शिक्षा विभाग जल्द जारी करेगा आदेश,, निजी स्कूलों की लूट पर लगेगी लगाम

जयपुर। राजस्थान के सरकारी और प्राइवेट स्कूलों के बच्चे अब एक जैसी यूनिफार्म में नजर आएंगे। राज्य सरकार एकरूपता लाने की इस बड़ी पहल पर जल्द ही आदेश जारी करने जा रही है।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर का कहना है — “अब अमीर-गरीब का फर्क कपड़ों से नहीं दिखेगा। एक जैसी यूनिफार्म से भेदभाव और दिखावे की भावना खत्म होगी।”
शिक्षा विभाग को निजी स्कूल संचालकों से सहमति बनाने का जिम्मा सौंपा गया है। मंत्री का निर्देश है कि सभी स्कूलों में एक यूनिफार्म फार्मूला जल्द तय किया जाए ताकि राज्यभर में इसे लागू किया जा सके।
अधिकारियों का दावा है कि अभी तक देश के किसी भी राज्य में सरकारी और निजी स्कूलों की एक समान यूनिफार्म नीति लागू नहीं है, राजस्थान पहला राज्य होगा जो यह कदम उठाएगा।
पहला चरण राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में लागू होगा। इसके बाद सभी निजी स्कूलों को भी इसमें शामिल किया जाएगा।
फिलहाल सरकार सरकारी स्कूलों के छात्रों को यूनिफार्म और बैग के लिए 800 रुपए की नकद सहायता दे रही है, जो अभिभावकों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की जाती है। अब इसी सहायता राशि से छात्र नई एक समान यूनिफार्म खरीद सकेंगे।
✋ निजी स्कूलों में ड्रेस के नाम पर लूट पर भी रोक
इस निर्णय से जहां विद्यार्थियों में एकता और समानता की भावना बढ़ेगी, वहीं निजी स्कूलों में ड्रेस और जूते के नाम पर होने वाली मनमानी वसूली पर भी रोक लग सकेगी। अब तक कई निजी स्कूल अपने निर्धारित दुकानों से ही यूनिफार्म और जूते खरीदने का दबाव बनाते थे, जिससे अभिभावकों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ता था।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि देश में किसी भी राज्य में अभी तक सरकारी और निजी स्कूलों में एक जैसी यूनिफार्म व्यवस्था लागू नहीं है। राजस्थान देश का पहला राज्य बनेगा, जहां यह नीति लागू होगी।
🏫 पहले चरण में बोर्ड के स्कूलों में होगी शुरुआत
यह व्यवस्था सबसे पहले राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों में लागू की जाएगी। इसके बाद अन्य निजी स्कूलों को भी शामिल किया जाएगा।
💰 यूनिफार्म के लिए पहले से मिल रही है सहायता
राज्य सरकार पहले से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को 800 रुपये की नकद सहायता यूनिफार्म और स्कूल बैग के लिए देती है। यह राशि विद्यार्थियों के अभिभावकों के बैंक खातों में सीधे ट्रांसफर की जाती है।
अब एक समान यूनिफार्म नीति लागू होने के बाद यही राशि विद्यार्थी नई निर्धारित ड्रेस खरीदने में उपयोग कर सकेंगे।
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