कांग्रेस जिला अध्यक्षों की घोषणा अब बिहार चुनाव बाद!, पैनल सूची आई सामने

कांग्रेस जिला अध्यक्षों की घोषणा अब बिहार चुनाव बाद!, पैनल सूची आई सामने
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भीलवाड़ा / दिल्ली हलचल। राजस्थान में कांग्रेस संगठन की नई जिलाध्यक्ष नियुक्तियों को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच अब संकेत मिले हैं कि जिला अध्यक्षों की घोषणा बिहार विधानसभा चुनाव के बाद की जाएगी। दिल्ली में आज हुई प्रदेश पर्यवेक्षकों की बैठक में इस पर लंबी चर्चा चली। बताया जा रहा है कि संगठन सृजन अभियान के तहत प्रदेशभर से तैयार किए गए पैनलों पर अंतिम निर्णय अब नवंबर के पहले सप्ताह में लिया जा सकता है। लेकिन अभी तक इस तरह की अधिकृत कोई जानकारी नहीं मिली हे।

शुक्रवार को दिल्ली में कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने राजस्थान के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के लिए पर्यवेक्षकों से सुबह 11 बजे से शाम तक विस्तृत फीडबैक लिया। इस दौरान राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के साथ अलग-अलग चर्चा की गई।

बैठक में हुई चर्चा

इस बैठक में जिलों से आए शीर्ष नामों पर विचार-विमर्श हुआ, जिसमें जातिगत समीकरण, सियासी संतुलन और स्थानीय प्रभाव जैसे मुद्दों को ध्यान में रखा गया। सूत्रों का कहना है कि प्रभारी, पीसीसी चीफ और नेता प्रतिपक्ष की एकजुट सहमति या असहमति ही अंतिम नामों को तय करने में निर्णायक होगी।

इससे पहले, पर्यवेक्षकों के फीडबैक से पूर्व डोटासरा और जूली ने प्रभारी रंधावा के दिल्ली स्थित आवास पर एक अहम बैठक की थी। इस दौरान दोनों नेताओं ने रंधावा को जिलों की स्थिति और संभावित नामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। रंधावा ने यह फीडबैक वेणुगोपाल और संगठन के अन्य वरिष्ठ नेताओं के साथ साझा किया।

पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट पर अब विस्तार से चर्चा हो रही है। दिल्ली में प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और जिलों के पर्यवेक्षकों ने केसी वेणुगोपाल के साथ चर्चा की है। अब हर जिले में सिंगल नाम का पैनल तैयार कर राहुल गांधी के पास भेजा जाएगा।

जिलाध्यक्ष के लिए गहलोत, डोटासरा, पायलट के समर्थकों ने अपनी दावेदारी पेश की है।

जिलाध्यक्ष के लिए गहलोत, डोटासरा, पायलट के समर्थकों ने अपनी दावेदारी पेश की है।

राहुल गांधी से चर्चा के बाद नवंबर में होगी घोषणा

हर जिले में जिलाध्यक्ष के दावेदार का पैनल तैयार कर राहुल गांधी को रिपोर्ट दी जाएगी। राहुल गांधी के स्तर पर एक-दो बार बैठकों के बाद वहां से नाम फाइनल होंगे। 30 अक्टूबर या नवंबर के पहले सप्ताह तक जिलाध्यक्षों की घोषणा होने के आसार है।

इस बीच, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, अजमेर और प्रतापगढ़ जिलों के लिए पर्यवेक्षकों द्वारा तैयार की गई पैनल सूची भी सामने आई है, जिसमें वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के साथ कई नए नाम भी शामिल हैं।


🔹 जिलावार कांग्रेस पैनल सूची


भीलवाड़ा शहर

हेमेंद्र शर्मा, सुभाष शर्मा, ईश्वर खोईवाल, ओम नारायणीवाल, कुणाल ओझा, महेश सोनी, मंजू पोखरणा

भीलवाड़ा देहात

रामलाल जाट, नीरज गुर्जर, हंगामीलाल मेवाड़ा, रेखा हिरण, विमा माथुर, श्यामलाल पुरोहित, राजेंद्र त्रिवेदी

प्रतापगढ़

दिग्विजय सिंह, इंद्रा मीणा, नितिन जैन, भानुप्रताप सिंह, ओमप्रकाश ओझा, उदय अहीर

चित्तौड़गढ़

प्रमोद सिसोदिया, उदयलाल आंजना, ललित बोरिवाल, बृजलाल जाट, कालू मीणा, सुभाष शारदा, नीतू कंवर भाटी, आजाद पालीवाल

राजसमंद

आदित्य प्रताप सिंह, देवकीनंदन काका, हरिसिंह राठौड़


अजमेर शहर

धर्मेंद्र राठौड़, महेंद्र सिंह रलावट, विजय जैन, शैलेंद्र अग्रवाल, राजकुमार जयपाल, द्रोपदी कोली


सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान अब इन पैनलों में से उपयुक्त नामों पर मंथन कर रहा है।

दिल्ली में पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल को सौंप दी है। माना जा रहा है कि भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ जैसे जिलों में अंतिम नाम को लेकर सबसे ज्यादा मंथन चल रहा है, क्योंकि यहां गुटबाजी और संगठनात्मक संतुलन बड़ी चुनौती मानी जा रही है।


सूत्रों ने संभावना जताई है कि जिला अध्यक्ष के पैनलों पर मंथन होने के बाद प्रदेश में जातिगत समीकरण तय करने और कुछ जिलों में विवाद को निपटने के लिए समय लगेगा इसके चलते बिहार विधानसभा चुनाव के पश्चात ही राजस्थान के जिला अध्यक्षों के नाम की घोषणा संभव हो पाएगी लेकिन अधिकृत रूप से इस तरह की कोई जानकारी अभी तक सामने नहीं आई है

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