भीलवाड़ा के हाईवे पर मौत की रफ्तार: ओवरलोड, ओवरस्पीड और गलत दिशा के वाहनों से बढ़ा हादसों का खतरा, जिम्मेदार तमाशबीन

भीलवाड़ा हलचल। मुख्यमंत्री भजनलाल के निर्देश के बावजूद जिले के राष्ट्रीय राजमार्गों पर सड़क सुरक्षा को चुनौती देने वाली लापरवाही लगातार जारी है। प्रतिदिन ओवरलोड और ओवरस्पीड के साथ-साथ गलत दिशा में दौड़ते वाहन यात्रियों और आमजन के लिए मौत का कारण बनते जा रहे हैं। हाइवे पर चालक बिना किसी रोक-टोक के मनमानी करते हैं। सबसे खतरनाक स्थिति तब बनती है जब बीच सड़क पर यात्री उतारे जाते हैं या मालवाहक ट्रकों से सामान नीचे गिराया जाता है।
जानकारी के अनुसार जिले के कई थानों के आगे से हर दिन ऐसे सैकड़ों वाहन गुजरते हैं। बावजूद इसके न यातायात पुलिस की सक्रियता नजर आती है, न ही परिवहन विभाग की सख्ती। हाईवे के बीच खड़े वाहन कभी भी बड़ी दुर्घटना को जन्म दे सकते हैं। प्रदेश के अन्य हिस्सों में इसी तरह की लापरवाही से कई जानें जा चुकी हैं, और हाल ही में जयपुर में हुई भयावह सड़क दुर्घटना ने इस खतरे को और स्पष्ट कर दिया है।
सड़कों पर सुबह-शाम ओवरलोड वाहनों की लंबी लाइन लगी रहती है। इन वाहनों में यात्रियों को ठूंस-ठूंसकर बैठाया जाता है ताकि अधिक किराया वसूला जा सके। इस अव्यवस्था से न केवल यात्रियों की जान खतरे में पड़ रही है, बल्कि आमजन भी भयभीत हैं।
चित्तौड़ रोड पर बीएसएल मंडपिया, मांडल चौराहा और सुवाणा के पास ओवरब्रिज क्षेत्र में हाईवे पर वाहन अक्सर गलत दिशा में आवाजाही करते हैं। पुलिस और प्रशासन की निष्क्रियता से वाहन चालकों के हौसले बुलंद हैं, जिससे एनएच पर हादसों की आशंका लगातार बनी हुई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर अब सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो भीलवाड़ा के हाईवे पर आने वाले दिनों में और भी गंभीर हादसे हो सकते हैं।
