हमीरगढ़ के प्रेमदेवी हत्याकांड में अदालत का बड़ा फैसला-: पति नाथूलाल सोमानी को आजीवन कारावास

भीलवाड़ा बीएचएन। हमीरगढ़ कस्बे के लगभग तीन वर्ष पुराने प्रेमदेवी हत्याकांड में मंगलवार को अदालत ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाया। घरेलू झगड़ों से तंग आकर पत्नी की हत्या करने के आरोप में होली का चौक, हमीरगढ़ निवासी नाथूलाल सोमानी को जिला एवं सत्र न्यायाधीश अभयकुमार जैन ने आजीवन कारावास और चालीस हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
घटना ऐसे हुई थी उजागर
अपर लोक अभियोजक रघुनंदन सिंह कानावत के अनुसार मांडल निवासी सरिता बिड़ला ने 16 अगस्त 2022 को रिपोर्ट दी थी कि उसके माता-पिता प्रेमदेवी और नाथूलाल सोमानी हमीरगढ़ में रहते हैं। उस दिन सुबह श्वेता मंडोवरा ने फोन कर बताया कि माता-पिता के साथ किसी ने मारपीट की है। सरिता के पहुंचने तक पिता को अस्पताल ले जाया जा चुका था, जबकि प्रेमदेवी बाथरूम में अचेत पड़ी मिलीं। उनके गले और सिर पर चोट के निशान थे। अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पुलिस जांच में हत्या की यह वजह आई सामने
जांच में पता चला कि नाथूलाल, पत्नी प्रेमदेवी और मानसिक रूप से अस्वस्थ पौता केशव एक साथ रहते थे। दंपती के बीच रोजाना घरेलू विवाद होते थे। प्रेमदेवी देर रात भजन कीर्तन से लौटती थीं और पति को पसंद का खाना बनाकर नहीं देती थीं, जिसको लेकर अक्सर झगड़ा होता था।
15 अगस्त 2022 की शाम दुकान से लौटने पर नाथूलाल ने प्रेमदेवी से खाना मांगा, लेकिन देर होने पर दोनों में कहासुनी शुरू हो गई। गुस्से में प्रेमदेवी ने पति को मुक्के मारे और गला दबाया, जिससे नाथूलाल के चेहरे से खून निकलने लगा। इसके बाद प्रेमदेवी बाथरूम में चली गईं।
खून देखकर और लगातार विवाद से परेशान नाथूलाल तैश में आ गया। वह बाथरूम में गया, प्रेमदेवी को लात मारी जिससे वह औंधे मुंह गिर गईं और फिर साड़ी से गला घोंटकर उनकी हत्या कर दी।
अभियोजन ने पेश किए 25 गवाह
अदालत में सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 25 गवाह, 51 दस्तावेज और 7 आर्टिकल पेश कर आरोप सिद्ध किया। सभी बिंदुओं पर विचार करते हुए न्यायालय ने नाथूलाल सोमानी को दोषी माना और आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही उस पर चालिस हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया।
