बिहार में करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस बैकफुट पर: राजस्थान में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति अटक गई

भीलवाड़ा/दिल्ली।हलचल।
बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जबरदस्त हार का झटका इतना गहरा है कि पार्टी अब तक उसके असर से उबर नहीं पाई है। हार का सीधा असर अब राजस्थान संगठन पर भी दिखने लगा है। बिहार नतीजों के तुरंत बाद जारी होने वाली राजस्थान के जिला अध्यक्षों की नई नियुक्तियां अब फाइलों में अटकी पड़ी हैं।
सूत्रों की मानें तो बिहार में कांग्रेस नेताओं ने “बड़े-बड़े मुंगेरीलाल के सपने” दिखाए थे—सीटों की बढ़त, मजबूत गठबंधन और जीत की हवाओं के दावे… लेकिन नतीजों ने इन दावों को धराशायी कर दिया। पार्टी नेतृत्व इस बात से बेहद नाराज़ है कि ग्राउंड रिपोर्ट के नाम पर गलत तस्वीर पेश की गई, जिसके कारण रणनीति भी पटरी से उतर गई।
कांग्रेस अब बिहार की हार पर कड़े मंथन में जुटी है। पार्टी उन नेताओं पर भी कार्रवाई का मन बना रही है जिन्होंने वहां रहकर हवा में तीर चलाए और नेतृत्व को झूठे भरोसे में रखा। इसी वजह से राजस्थान के जिला अध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया फिलहाल अनिश्चितकाल के लिए रोक दी गई है।
सूत्र का कहना है—
“बिहार में जिस तरह से सपने दिखाए गए और जिस तरह से नतीजे आए, उससे हाईकमान बेहद नाराज़ है। पहले बिहार की समीक्षा होगी, फिर राजस्थान की फाइल आगे बढ़ेगी।”
