कृषि मंत्री मीणा के सामने बरूंदनी में फूटा किसानों का गुस्सा: यूरिया संकट पर इफ्को अधिकारी को भीड़ ने कहा चोर, विधायक की चुप्पी पर भी उठे सवाल
भीलवाड़ा हलचल जिले के बरूंदनी गांव में रविवार को कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा के दौरे के दौरान किसानों का गुस्सा फूट पड़ा. जैसे ही कार्यक्रम में किसानों को बोलने का अवसर मिला, यूरिया खाद की किल्लत पर ग्रामीणों ने एक साथ जोरदार विरोध शुरू कर दिया. किसानों का कहना था कि खेतों में खड़ी फसलों को बचाने के लिए यूरिया बेहद जरूरी है, लेकिन गांव में पिछले कई दिनों से खाद मिल ही नहीं रही.
हंगामा उस समय और बढ़ गया जब किसानों ने खुलकर इफ्को के अधिकारी पर खाद वितरण में धांधली के आरोप लगा दिए. मंत्री मीणा की मौजूदगी में ही भीड़ ने अधिकारी को चोर तक कह दिया. किसानों का आरोप था कि जरूरतमंदों को खाद नहीं मिल रही, जबकि कुछ लोगों को मनमर्जी से यूरिया दिया जा रहा है.
इफ्को अधिकारी लाला राम चौधरी ने सफाई देते हुए कहा कि उनके आने के बाद दो साल में कभी खाद की कमी नहीं हुई. लेकिन जैसे ही उन्होंने यह दावा किया, भीड़ एक सुर में चिल्लाने लगी और फिर से चोर चोर के नारे गूंजने लगे.
इस पूरे घटनाक्रम के दौरान सबसे ज्यादा हैरान करने वाली बात यह रही कि मौके पर मौजूद क्षेत्रीय विधायक गोपाल खंडेलवाल पूरी तरह चुप्पी साधे खड़े रहे. किसानों की चीख-पूकार, आरोप, हंगामा—सबके बीच विधायक न तो किसी किसान के पक्ष में बोले, न ही अधिकारी से कोई सवाल किया. गांव के लोग फुसफुसाते हुए यह भी कहते नजर आए कि जब जनप्रतिनिधि ही बोलने को तैयार नहीं, तो जनता की समस्या कौन सुनेगा?
हंगामे के बीच कृषि मंत्री मीणा ने अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई. उन्होंने खाद के रिकॉर्ड और वितरण की जानकारी मांगी, मगर अधिकारी संतोषजनक जवाब देने में असफल रहे. इस पर मंत्री मीणा ने मौके पर ही जांच के आदेश दिए और स्पष्ट कहा कि खाद वितरण में लापरवाही या गड़बड़ी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
किसानों को आश्वासन दिया गया कि यूरिया की कमी जल्द दूर की जाएगी. बरूंदनी की घटना ने एक बार फिर प्रशासनिक लापरवाही, अव्यवस्था और जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
