सस्ता हुआ कई राज्यों में पेट्रोल-डीजल: पंप डीलरों का कमीशन बढ़ा,7 साल पुरानी मांग हुई पूरी
नई दिल्ली। सरकारी तेल कंपनियों द्वारा अंतर-राज्यीय माल ढुलाई को तर्कसंगत बनाने से ओडिशा, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों के कई दूर-दराज क्षेत्रों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आई है। वहीं कंपनियों ने सात साल से लंबित मुकदमे के समाधान के बाद पेट्रोल-डीजल की बिक्री पर डीलरों को दिए जाने वाले कमीशन में 65 पैसे प्रति लीटर और डीजल पर 44 प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है।इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, ''कंपनी को डीलर मार्जिन में संशोधन (आज से प्रभावी) का एलान करते हुए खुशी हो रही है। इससे उत्पादों के खुदरा बिक्री मूल्य पर कोई अतिरिक्त प्रभाव नहीं पड़ेगा।' वर्तमान में डीलरों को पेट्रोल पर 1,868.14 रुपये प्रति किलोलीटर के कमीशन के साथ उत्पाद बिल योग्य मूल्य 0.875 प्रतिशत भुगतान किया जाता है। जबकि डीजल पर 1,389.35 रुपये प्रति किलोलीटर का कमीशन और उत्पाद बिल योग्य मूल्य का 0.28 प्रतिशत भुगतान किया जाता है।
कंपनी ने कहा कि डीलर कमीशन बढ़ने से ग्राहक सेवा मानकों के बेहतर होने के साथ ही पेट्रोल पंप पर काम करने वाले कर्मचारियों के कल्याण में वृद्धि होगी। कंपनी ने कहा कि अंतर-राज्यीय मालभाड़े को तर्कसंगत बनाने का काम शुरू किया है, जिससे राज्य के भीतर खुदरा बिक्री मूल्य में होने वाले अंतर में कमी आएगी। हालांकि यह कमी उन राज्यों में लागू नहीं होगी, जहां पर आदर्श आचार संहिता लागू है। पेट्रोलियम मंत्री हरदीप पुरी ने कंपनियों द्वारा किए गए एलान को धनतेरस का तोहफा बताया है।
उन्होंने एक्स पर लिखा, ''धनतेरस के शुभ अवसर पर, तेल कंपनियों द्वारा पेट्रोल पंप डीलरों को दिया गए तोहफे का दिल से स्वागत है। सात साल से चली आ रही मांग पूरी हुई।'' उन्होंने कहा कि माल ढुलाई को तर्कसंगत बनाने से दूरस्थ स्थानों (तेल विपणन कंपनियों के पेट्रोल और डीजल डिपो से दूर) पर रहने वाले उपभोक्ताओं को लाभ होगा, जिसके परिणामस्वरूप देश के कई हिस्सों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आएगी।