निमोनिया का उपचार करने के नाम पर डाम लगाने से नौ माह के बच्चे की मौत, इकलौता बेटा था, पांच बेटियों के बाद हुआ था जन्म

भीलवाड़ा बीएचएन। निमोनिया केउपचार के नाम पर अज्ञानतावश लगाये गये डाम ने नौ माह के एक बच्चे की जान ले ली। यह बच्चा, पिछले कुछ दिनों से जिला अस्पताल में उपचाररत था। घटना का दु:खद पहलु यह है कि परिवार में पांच बेटियों के जन्म के बाद इस इकलौते बेटे का जन्म हुआ था। बच्चे की मौत से परिवार गहरे सदमे में है। घटना, सदर थाने के ईरांस गांव में हुई। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया।
सदर थाना पुलिस के अनुसार, ईरांस निवासी देवा बागरिया के नौ माह के बेटे गोविंद को पिछले दिनों निमोनिया हो गया था। परिजनों ने उसे अस्पताल ले जाने के बजाय अज्ञानता वश पेट पर डाम लगाया। गरम तार से लगाये गये डाम से बच्चे की हालत और बिगड़ गई थी। पिछले दिनों उसे जिला अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जहां उसका उपचार चल रहा था। बीती रात इस बालक गोविंद की अस्पताल में मौत हो गई। शव, पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया गया। पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच शुरु कर दी।
पांच बेटियों के जन्म के बाद हुआ था गोविंद का जन्म
देवा बागरिया की पत्नी ने बेटी को जन्म दिया। बेटे की चाह में चार और बेटियों ने जन्म दिया। दंपती बेटे के लिए मन्न्नत मांगते रहे। आखिर में देवा की पत्नी ने नौ माह पहले गोविंद को जन्म दिया। परिवार में बेटे के रूप में लंबे इंतजार के बाद खुशियां आई थी। लेकिन यह खुशियां भी गोविंद की मौत के चलते मातम में बदल गई।
थम नहीं रही डाम प्रथा, जिम्मेदार मौन
नवजात बच्चों की जिंदगी से डाम के रूप में लगातार खिलवाड़ किया जा रहा है। यह कोई पहली घटना नहीं है। पहले भी कई परिवार के चिराग इस डाम के चलते बुझ चुके हैं। आये दिन इस तरह की घटनायें हो रही है, लेकिन पुलिस, प्रशासन और जिम्मेदार ऐसी घटनाओं की रोकथाम के लिए गंभीर नजर नहीं आ रहे हैं। आखिर कब तक नवजात बच्चों की जिंदगी से ऐसे ही खिलवाड़ किया जायेगा।
