!रियल मनी गेमिंग वालों पर सरकार का शिकंजा कसने को तैयार: 3 साल जेल और 1 करोड़ का जुर्माना!

3 साल जेल और 1 करोड़ का जुर्माना!
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नई दिल्ली: रियल मनी गेमिंग के धंधे पर अब सरकार का डंडा चलने वाला है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने **ऑनलाइन गेमिंग संवर्धन एवं विनियमन (PROG) अधिनियम 2025** का मसौदा पेश कर दिया है। इसके तहत भारत में पहली बार **ऑनलाइन गेमिंग प्राधिकरण** बनाने का प्रस्ताव रखा गया है, जो ई-स्पोर्ट्स और सोशल गेम्स को बढ़ावा देगा लेकिन रियल मनी गेमिंग (RMG) को पूरी तरह बैन करेगा।

### कैसे काम करेगा नया प्राधिकरण?

* **डिजिटल दफ्तर मॉडल:** किसी भौतिक कार्यालय की जरूरत नहीं, पूरा सिस्टम ऑनलाइन चलेगा।

* **केंद्र सरकार की सीधी भागीदारी:** सूचना एवं प्रसारण, वित्त, खेल और युवा मामले मंत्रालय साथ मिलकर इसकी कमान संभालेंगे।

* **अध्यक्ष पद:** आईटी मंत्रालय का अतिरिक्त सचिव स्तर का अधिकारी प्रमुख होगा।

* **पावर:** गेम पंजीकरण मंजूर या रद्द करने से लेकर सीधा बैन लगाने तक का अधिकार होगा।

### सजा होगी कड़ी – जेल + जुर्माना

अगर कोई कंपनी या व्यक्ति **रियल मनी गेमिंग** कराता है, तो उसके लिए भारी सजा तय की गई है—

* **3 साल तक की कैद**

* **1 करोड़ रुपये तक का जुर्माना**

* या दोनों सज़ाएं साथ में!

### ई-स्पोर्ट्स को मिली वैध पहचान

सरकार ने यह भी साफ किया है कि **ई-स्पोर्ट्स को युवा मामले और खेल मंत्रालय के तहत लाकर अब इसे वैध खेल की मान्यता दी जाएगी।** इसका मतलब है कि ई-स्पोर्ट्स खिलाड़ियों को भी उसी तरह सरकारी समर्थन मिलेगा, जैसे किसी दूसरे खेल को मिलता है।

### उद्योग जगत ने सराहा कदम

गेमिंग कंपनी **नोडविन गेमिंग** ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इससे ई-स्पोर्ट्स इंडस्ट्री को मजबूती मिलेगी। सह-संस्थापक अक्षत राठी ने कहा— *“सरकार ने जिस तरह ई-स्पोर्ट्स को वैध खेल की पहचान दी है, वह युवाओं के लिए बड़े अवसर खोलेगा।”*

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👉 साफ है कि सरकार अब डिजिटल गेमिंग को **स्पोर्ट्स बनाम सट्टा** के आधार पर अलग कर रही है। यानी, जो खेल है उसे बढ़ावा मिलेगा और जो जुए का जाल है, उस पर अब शिकंजा कसेगा।

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