मंदसौर की बेटी को आत्मदाह के लिए मजबूर करने के आरोपित पति को 7 साल की कैद
भीलवाड़ा बीएचएन। पत्नी को आत्मदाह के लिये मजबूर करने के आरोपित पति लालचंद जीनगर को सात साल के कठोर कारावास और 15 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया गया। फैसला, मंगलवार को एडीजे (महिला उत्पीडऩ प्रकरण) ने सुनाया।
अदालत सूत्रों के अनुसार, मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के सरदारजी का बगीचा, खानपुरा निवासी तेजमल जीनगर ने 3 मार्च 2014 को भीमगंज थाने में रिपोर्ट दी कि कल रात साढ़े दस बजे उसकी बेटी पिंकी पत्नी लालचंद्र जलने से अस्पताल में भर्ती होने की पुलिस ने सूचना दी। रात साढ़े तीन बजे वे, भीलवाड़ा पहुंचे और पिंकी ने उन्हें बताया कि पति लालचंद्र शराब के नशे में घर आया और तोडफ़ोड़ करने लगा। पति को समझाया तो वह मारपीट करने लगा। बाद में खुद लाल चन्द्र ने थिनर डाल दिया व मरने की धमकी देने लगा। पिंकी ने पिता को बताया कि इसके बाद उसने खुद जब माचिस जलाई तो उसे बचाने का प्रयास पति लालचंद ने नहीं किया। जिससे वह जल गई। परिवादी ने आरोप लगाया था कि पूर्व में भी उसकी लङकी पिंकी के साथ लाल चन्द्र मारपीट करता था जिसको कई बार समझाया, फिर भी शराब की आदत नहीं छोडी। इसी वजह से यह घटना घटित हुई। पिंकी को लाल चन्द्र आत्म हत्या करने के लिये बार-बार मजबूर करता था । परिवादी ने आरोप लगाया कि उसके जवांई लाल चन्द्र ने शराब पीकर पहले खुद आत्म हत्या करने की धमकी देकर थिनर डालकर आत्म हत्या की कोशिश की । इसके बाद परिवादी की बेटी पिंकी ने दामाद लाल चन्द्र से तंग परेशान होकर खुद को आग लगाई । पुलिस ने मामला दर्ज किया। उधर, पिंकी को भीलवाड़ा से उदयपुर व बाद में अहमदाबाद के एक अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने मामले की जांच के बाद आरोपित अपना घर योजना सी-20 भवानी नगर निवासी लालचंद पुत्र मोहनलाल जीनगर के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में पेश की। अभियोजन पक्ष की ओर से विशिष्ट लोक अभियोजक संजू बापना ने न्यायालय में 11 गवाहों के बयान व 34 दस्तावेज पेश कर लालचंद पर लगे आरोप सिद्ध किये। न्यायालय ने सुनवाई के बाद आरोपित लालचंद को पत्नी को आत्मदाह के लिए मजबूर करने के आरोप में सात साल की सजा और 15 हजार रुपये के जुर्माने से दंडित किया है।