इंदौर जा रही बस में लगी भयंकर आग! 55 यात्रियों की जान बाल-बाल बची , जल गया सारा सामान

अशोकनगर /
शनिवार देर शाम अशोकनगर जिले के ईसागढ़ थाना क्षेत्र में एक बड़ा हादसा टल गया। यात्रियों से खचाखच भरी एक बस में अचानक आग लग गई। बस पूरी रफ्तार में थी, लेकिन मौके पर मौजूद प्रधान आरक्षक अरविंद रघुवंशी की सतर्कता से 55 यात्रियों की जान बच गई। हालांकि, यात्रियों का सारा सामान जलकर राख हो गया।
🚌 चलती बस में अचानक उठने लगा धुआं
जानकारी के अनुसार, यह बस टीकमगढ़ से इंदौर जा रही थी। रास्ते में अशोकनगर से पहले, बस के इंजन के पास से अचानक धुआं उठने लगा।
बस की केबिन में बैठे प्रधान आरक्षक अरविंद रघुवंशी ने तुरंत जलने की गंध महसूस की और चालक को बस रोकने के लिए कहा।
बस रुकते-रुकते ही आग तेजी से फैल गई, जिससे यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई। कुछ ही पलों में केबिन के आसपास की सीटें और इंजन कम्पार्टमेंट जलने लगे।
💥 कांच तोड़कर यात्रियों को बाहर निकाला
जब आग ने बस को घेर लिया तो रघुवंशी ने फौरन खिड़कियों के शीशे तोड़कर यात्रियों को बाहर निकालने का रास्ता बनाया।
चिल्लाते, भागते और दमघुटने की स्थिति में यात्रियों को जैसे-तैसे बाहर निकाला गया।
गनीमत रही कि सभी 55 यात्री सुरक्षित बाहर आ गए, वरना यह हादसा मौत का तांडव बन सकता था।
🚒 दमकल ने घंटों की मशक्कत के बाद पाया काबू
आग लगने की सूचना पर ईसागढ़ थाना पुलिस और दमकल दल तुरंत मौके पर पहुंचे।
कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया, लेकिन तब तक बस पूरी तरह जलकर राख हो चुकी थी। यात्रियों के बैग, मोबाइल, कपड़े और नकदी समेत सारा सामान खाक हो गया।
⚠️ आग लगने का कारण अब तक स्पष्ट नहीं
पुलिस के अनुसार, आग लगने का सटीक कारण स्पष्ट नहीं है। प्राथमिक आशंका है कि बस के इंजन में शॉर्ट सर्किट या ईंधन पाइपलाइन लीक होने से आग भड़की होगी।
फिलहाल, मामले की जांच शुरू कर दी गई है और बस मालिक से भी पूछताछ की जा रही है।
🗣️ चश्मदीद बोले — "कुछ सेकंड की देरी होती तो सब खत्म!"
एक यात्री ने बताया —
“हम सब धुआं देखकर घबरा गए थे। अगर उस समय रघुवंशी जी बस नहीं रुकवाते तो शायद हम सब जिंदा नहीं बचते। आग इतनी तेज थी कि दो मिनट में पूरी बस जल उठी।”
प्रधान आरक्षक अरविंद रघुवंशी की तत्परता को लेकर स्थानीय लोग और प्रशासन उनकी बहादुरी की सराहना कर रहे हैं।
⚡ पुलिस की जांच जारी, परिवहन विभाग ने मांगी रिपोर्ट
ईसागढ़ थाना प्रभारी ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज की जा सकती है, क्योंकि बस में सुरक्षा मानकों की अनदेखी साफ दिख रही है।
वहीं, परिवहन विभाग ने भी रिपोर्ट मांगी है कि बस की फिटनेस सर्टिफिकेट और सुरक्षा जांच कब की गई थी।
🧩 ‘सिस्टम की लापरवाही से टलते-टलते टला हादसा’
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि ग्रामीण रूटों पर चलने वाली बसों की हालत बेहद खराब है।
अक्सर ओवरलोडिंग, सर्विसिंग की कमी और बिना जांच के सड़क पर उतार दी गई बसें यात्रियों की जान से खिलवाड़ कर रही हैं।
अगर समय रहते सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो ऐसे हादसे किसी भी दिन बड़े जनहानि में बदल सकते हैं।
सिलावन खुर्द गांव के रहने वाले हेमंत लोधी ने बताया कि बस में कुछ देर पहले से बदबू आ रही थी। ऐसा लग रहा था कि कुछ जल रहा हो। बस में काफी यात्री भरे हुए थे जिसमें सीटों के अलावा कुछ बीच में भी खड़े थे।
राजू लोधी ने बताया कि बस में कुछ देर पहले से आग लगी थी ड्राइवर ने ध्यान नहीं दिया। एक लड़के ने जाकर ड्राइवर को कहा कि इसमें आग लग रही है बदबू आ रही है। इसके बाद ड्राइवर ने उतार कर देखा बस के अगले हिस्से में आग लगी हुई थी बस में आग बुझाने के लिए कोई भी अग्निशमन यंत्र नहीं था।
