भीलवाड़ा में अधिवक्ताओं ने डाक अधीक्षक का किया घेराव, प्रदर्शन और नारेबाजी, विधिक कार्रवाई की दी चेतावनी
भीलवाड़ा बीएचएन। जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में डाकघर की ब्रांच खोलने की मांग पूरी नहीं होने और डाक विभाग की अनियमितताओं को लेकर शुक्रवार को अधिवक्ताओं का गुस्सा फूट पड़ा। अधिवक्ताओं ने जिला अभिभाषक संस्था अध्यक्ष राजेश शर्मा के नेतृत्व में मुख्य डाकघर पहुंचकर जमकर नारेबाजी की और डाक अधीक्षक का घेराव कर ज्ञापन सौंपा। वकीलों ने साफ चेतावनी दी कि अगर मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे डाक विभाग के खिलाफ विधिक कार्रवाई करेंगे।
अनियमितताओं और लापरवाही से अधिवक्ता त्रस्त
अध्यक्ष शर्मा ने बताया कि डाक विभाग की कार्यप्रणाली लंबे समय से अधिवक्ताओं को परेशान कर रही है। न्यायालय की कार्यवाही में डाक सेवाओं की अहम भूमिका होती है, लेकिन यहां अनुभवहीन और अक्षम कर्मचारियों के कारण आधुनिक कंप्यूटर प्रणाली का सही इस्तेमाल ही नहीं हो रहा। नतीजतन, डाकघर में अधिवक्ताओं को घंटों तक कतारों में खड़ा रहना पड़ता है।
या तो आती नहीं रशीद, या नदारद रहती मोहर
रजिस्टर्ड डाक भेजने के बाद उसकी रसीद या लिफाफे समय पर वापस नहीं आते। कई बार लौटते हैं तो उन पर विभागीय सील-मोहर ही नहीं लगी होती, जिससे न्यायालय में अधिवक्ताओं को कानूनी अड़चनों का सामना करना पड़ता है। इतना ही नहीं, कर्मचारी ऑनलाइन डिलीवरी रिपोर्ट पर सील-मोहर लगाने में टालमटोल करते हैं और वकीलों को अनावश्यक रूप से चक्कर कटवाते हैं।
मूलभूत सुविधाओं का भी टोटा
मुख्य डाकघर परिसर में हवा, रोशनी, पानी और बैठने की व्यवस्था तक नहीं है। अधिवक्ताओं का कहना है कि इस वजह से वे ही नहीं बल्कि आमजन भी असुविधा झेलते हैं। गुस्साए अधिवक्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि कई बार अधिक डाक पोस्ट करने या सील-मोहर लगाने के लिए कर्मचारी अतिरिक्त राशि की मांग करते हैं। यह सब भ्रष्टाचार और लापरवाही का प्रमाण है।
न्यायालय परिसर में डाकघर की मांग
अधिवक्ताओं ने लंबे समय से जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर में डाक विभाग की एक ब्रांच खोलने की मांग कर रखी है। उनका कहना है कि इससे अधिवक्ताओं को न केवल सुविधा मिलेगी बल्कि न्यायिक प्रक्रिया भी समय पर पूरी हो सकेगी। लेकिन वर्षों से यह मांग केवल कागजों में ही सिमटी हुई है।
प्रदर्शन में भारी संख्या में अधिवक्ता शामिल
शुक्रवार को हुए इस प्रदर्शन में अध्यक्ष शर्मा के साथ गिरीश कौशिक, ओमप्रकाश तेली, कोमल सोनी, रामपाल, मनोहर लालवानी, अशोक शर्मा और अशोक जैन समेत बड़ी संख्या में अधिवक्ता मौजूद थे। प्रदर्शनकारियों ने च्डाक विभाग होश में आओज्, च्भ्रष्टाचार बंद करोज् और च्वकीलों को न्याय दोज् जैसे नारे लगाए।
अंतिम चेतावनी - अब विधिक कार्रवाई होगी
अधिवक्ताओं ने डाक अधीक्षक को सौंपे ज्ञापन में चेतावनी दी कि अगर जल्द ही उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे डाक विभाग के खिलाफ न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को मजबूर होंगे। संस्था अध्यक्ष शर्मा ने कहा - यह हमारी अंतिम सूचना है। अब अगर हालात नहीं सुधरे तो विधिक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी और इसके लिए सीधे-सीधे विभागीय अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
बड़ा सवाल - कब सुधरेगी व्यवस्था?
अधिवक्ताओं के इस आंदोलन ने एक बार फिर डाक विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। न्यायालयीन कामकाज में डाक सेवाओं की महत्ता किसी से छिपी नहीं है, लेकिन कर्मचारियों की लापरवाही और अव्यवस्था ने अधिवक्ताओं को सडक़ पर उतरने को मजबूर कर दिया। अब देखना यह होगा कि डाक विभाग अपनी कार्यप्रणाली में बदलाव करता है या फिर अधिवक्ताओं की चेतावनी को हल्के में लेकर विवाद को और बढ़ाता है।
