पुलिस थानों में हलचल:: अब आमजन भी ले सकेगा CCTV फुटेज सुप्रीम कोर्ट के आदेश

भीलवाड़ा हलचल। सुप्रीम कोर्ट के ताज़ा आदेश ने पुलिस थानों में हलचल मचा दी है — अब हर पुलिस थाने में अनिवार्य रूप से सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे और जरूरत पड़ने पर **आमजन भी उन कैमरों की फुटेज प्राप्त कर सकेंगे**। यह फैसला पारदर्शिता और नागरिक अधिकारों की सुरक्षा के नाम एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
निर्देशों के अनुसार कैमरे किसी भी हालत में बंद नहीं किए जा सकेंगे और इनकी रिकॉर्डिंग हार्डडिस्क पर सुरक्षित रखी जाएगी। स्टेट क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के आईजी अजयपाल लांबा ने सभी जिलों के एसपी को कड़ा निर्देश जारी किया है — थानों के स्वागत कक्ष में स्पष्ट रूप से डिस्प्ले किया जाए कि:
“**थाना कैमरे की नजर में है — नागरिक आवश्यक होने पर नियमानुसार सीसीटीवी फुटेज या दस्तावेज प्राप्त कर सकते हैं।**”
क्या बदलेगा?
* मुख्य द्वार, सभी प्रवेश/निकासी मार्ग, लॉकअप, गलियारे, लॉबी और स्वागत कक्ष — इन सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरे आवश्यक होंगे।
* इन जगहों की फुटेज **स्पष्ट और उच्च गुणवत्ता** की होनी चाहिए ताकि किसी भी शिकायत की सच्चाई आसानी से बैठाई जा सके।
* जिलों के एसपी को इसकी मॉनिटरिंग और अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है।
नागरिकों की उम्मीदें बढ़ीं
पुलिस थानों में कथित तौर पर होने वाली बदसलूकी, प्रताड़ना और पारदर्शिता की कमी की शिकायतें वर्षों से मिलती रही हैं। अब नागरिकों को उम्मीद है कि कैमरे सत्य को उजागर करेंगे और गलत व्यवहार पर जवाबदेही तय होगी।
अधिकारी क्यों कह रहे हैं यह जरूरी?
आधिकारिक विचार में कहा गया है कि थानों में घटनाओं की सटीक रिकॉर्डिंग से झूठे दावे और गलतफहमी दोनों का निष्पादन आसान होगा। साथ ही, पीड़ित को न्याय दिलाने में भी यह मदद करेगा।
यह फैसला जनता और पुलिस व्यवस्था — दोनों के लिये निर्णायक मोड़ साबित हो सकता है। क्या यह आदेश थानों में भरोसा लौटाएगा या प्रक्रियात्मक चुनौतियाँ आएँगी — यह अब जल्दी ही देखने को मिलेगा।
