जमीनों की लूट पर भजनलाल सरकार का तीखा प्रहार: शातिरों की अब खैर नहीं! बंदरबांट पर लगाम

जयपुर .राजस्थान में भजनलाल सरकार ने नई भूमि आवंटन नीति लागू कर जमीनों की लूट मचाने वाले शातिरों पर कड़ा प्रहार किया है। यह नीति न केवल निवेश को बढ़ावा देगी, बल्कि फर्जी कंपनियों और दुरुपयोग करने वालों की कमर तोड़ेगी। अब जमीन पाने के लिए ठोस वित्तीय क्षमता और जवाबदेही जरूरी होगी।
नई नीति की खासियतें
डीपीआर अनिवार्य: हर आवेदक को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) जमा करनी होगी।
वित्तीय क्षमता: 100 करोड़ की डीपीआर के लिए कम से कम 30 करोड़ बैंक खाते में होने चाहिए।
लाभ की शर्त: पिछले तीन साल के औसत टैक्स के बाद लाभ निवेश का 10% से अधिक होना चाहिए, जिसे बैलेंस शीट, ऑडिट रिपोर्ट या बैंक स्टेटमेंट से साबित करना होगा।
एकल फार्म: पहले के 15 अलग-अलग फार्मों की जगह अब एक सिंगल फार्म लागू।
15 दिन में पट्टा: राशि जमा होने के 15 दिन में आवंटन पत्र और पट्टा जारी करना अनिवार्य।
पेनल्टी का प्रावधान: निर्माण में देरी पर 5-10% पेनल्टी।
पुराने खेल का अंत
पहले कंपनियां जमीन लेने के बाद निर्माण के लिए पैसा न होने का बहाना बनाती थीं और कानूनी दांवपेच में उलझाकर मामला लटका देती थीं। नई नीति इस दुरुपयोग को रोकेगी।
क्या होगा असर?
यह नीति निवेश को बढ़ाएगी, पारदर्शिता लाएगी और जमीन माफियाओं पर नकेल कसेगी। भजनलाल सरकार का यह कदम राजस्थान में विकास की नई इबारत लिखेगा, लेकिन शातिरों के लिए यह खतरे की घंटी है!
