भीलवाड़ा: छापे में 128 किलो नकली घी बरामद ,गोदाम सीज,मालिक सेठिया फरार,3 मजदूर मिले

भीलवाड़ा,हलचल शहर में त्योहारी सीजन से पहले मिलावटखोरों के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। विभाग की टीम ने रविवार को गुलाब वाटिका के पीछे रिंग रोड स्थित एक गोदाम में दबिश देकर नकली देसी घी बनाने के गोरखधंधे का भंडाफोड़ किया। मौके से 128 किलो संदिग्ध घी और कुकिंग मीडियम जब्त कर गोदाम को सील कर दिया गया है। कार्रवाई की भनक लगते ही गोदाम का मालिक मालिक कपिल सेठिया फरार हो गया और अपना मोबाइल भी स्विच ऑफ कर लिया।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. सीपी गोस्वामी ने बताया कि विभाग को मुखबिर से सूचना मिली थी कि रिंग रोड पर एक गोदाम में बड़े पैमाने पर मिलावटी देसी घी बनाकर उसकी पैकिंग की जा रही है। इस सूचना पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी अशोक कुमार यादव के नेतृत्व में एक टीम का गठन कर बताए गए पते पर छापा मारा गया। मौके पर टीम को तीन मजदूर, बजरंग सिंह, गोपाल और ओमप्रकाश बलाई, घी और वनस्पति जैसे दिखने वाले कुकिंग मीडियम की पैकिंग करते हुए मिले।जब अधिकारियों ने उनसे फर्म के लाइसेंस के बारे में पूछताछ की, तो वे कोई भी दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सके। मजदूरों ने पूछताछ में बताया कि इस गोदाम और फर्म के मालिक कपिल सेठिया हैं। इस पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी ने तुरंत कपिल सेठिया से फोन पर संपर्क किया और उसे मौके पर आने के लिए कहा। सेठिया ने आने का आश्वासन तो दिया, लेकिन काफी देर तक नहीं पहुंचा। बाद में जब दोबारा संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ मिला।मालिक के असहयोग और मौके पर कोई लाइसेंस न मिलने के कारण, टीम ने गोदाम में मौजूद 128 किलो घी और कुकिंग मीडियम के स्टॉक को जब्त कर लिया। खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत जांच के लिए घी के सैंपल लिए गए और मजदूरों की उपस्थिति में पूरे गोदाम को सील कर दिया गया।
पूजा के नाम पर बिक रहा था 'जहर'
उल्लेखनीय है कि यह कार्रवाई शहर में चल रहे एक बड़े मिलावटी घी के रैकेट का पर्दाफाश करती है। सूत्रों के अनुसार, शहर की बाहरी कॉलोनियों और गली-मोहल्लों में दुकानदार सस्ते दामों पर यह नकली घी बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इस मिलावटी घी को "पूजा के घी" के नाम पर बेचा जा रहा है, जिससे यह आसानी से धार्मिक भावनाओं वाले लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। लोग जिसे शुद्ध मानकर दीया जलाने या हवन में इस्तेमाल कर रहे हैं, वह असल में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक केमिकलयुक्त तेल है।
