भीलवाड़ा में हर दिन मिल रहा नया एड्स का रोगी, अब तक मिले 6314 HIV पॉजिटिव

भीलवाड़ा। मेवाड़ अंचल के कई जिलों से रोजी-रोटी की तलाश में युवाओं का परदेश पलायन जारी है, लेकिन इसी पलायन के साथ अनजाने में जानलेवा एड्स का खतरा भी लौट रहा है। भीलवाड़ा में एचआईवी संक्रमण के बढ़ते आंकड़े हालात की गंभीरता बयां कर रहे हैं। सरकारी स्तर पर स्कूलों, कॉलेजों और ग्रामीण इलाकों में जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, फिर भी कपड़ा नगरी में HIV का ग्राफ थमने का नाम नहीं ले रहा है।
हर दिन एक नया HIV पॉजिटिव मरीज
भीलवाड़ा मेडिकल कॉलेज के आंकड़ों के मुताबिक, जिले में रोजाना कम से कम एक नया HIV पॉजिटिव मरीज सामने आ रहा है। इससे स्वास्थ्य विभाग और संबंधित संगठनों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब तक जिले में कुल 6317 HIV संक्रमित मरीज दर्ज किए जा चुके हैं और भीलवाड़ा अब भी ऑरेंज ज़ोन में शामिल है। रोजगार के लिए बाहर जाने वाले लोगों को संक्रमण फैलने का प्रमुख कारण माना जा रहा है।
457 से अधिक लोगों की अकाल मौत
विश्व एड्स दिवस के मौके पर जारी आंकड़े बताते हैं कि एड्स की वजह से अब तक 457 से अधिक लोग समय से पहले मौत का शिकार हो चुके हैं। लगातार बढ़ते संक्रमण के यह आंकड़े जिले में गंभीर स्थिति की ओर इशारा करते हैं।
चिकित्सकों का क्या कहना है?
महात्मा गांधी चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. अरुण गौड़ के अनुसार, जिला चिकित्सालय में एआरटी सेंटर संचालित हैं जहां पॉजिटिव मरीजों की काउंसलिंग और उपचार की सभी आवश्यक व्यवस्थाएं उपलब्ध हैं। अस्पताल में आने वाले मरीजों की नियमित जांच की जाती है और उपचार सुनिश्चित किया जाता है।
स्वयंसेवी संगठनों की राय
एड्स रोकथाम के क्षेत्र में काम कर रहे स्वयंसेवी संगठन से जुड़े भंवर जाट का कहना है कि भीलवाड़ा नेटवर्क फॉर पीपुल लिविंग विथ एचआईवी एड्स संस्थान के माध्यम से लगातार जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। परदेश से लौटने वाले लोगों में संक्रमण के अधिक मामले देखे जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि संक्रमण का असर सामाजिक जीवन पर भी पड़ रहा है। कई मामलों में पति के HIV पॉजिटिव पाए जाने पर पत्नियां घर छोड़ने को मजबूर हो चुकी हैं। ऐसे परिवारों को फिर से जोड़ने और उन्हें मानसिक सहयोग देने के लिए संगठन लगातार काउंसलिंग कर रहा है।
