भीलवाड़ा का ठग दिनेश जैन कई राज्यों की पुलिस को दे रहा हैचकमा :: करोड़ों की ठगी के बाद भी गिरफ्तारी से दूर, पुलिस की सुस्ती पर उठे सवाल

करोड़ों की ठगी के बाद भी गिरफ्तारी से दूर, पुलिस की सुस्ती पर उठे सवाल
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भीलवाड़ा हलचल राजस्थान के भीलवाड़ा से निकला एक शातिर ठग, जिसने देशभर में करोड़ों लोगों को ठगा और आज भी कई राज्यों की पुलिस के लिए सिरदर्द बना हुआ है। दिनेश कुमार जैन, जो कभी भीलवाड़ा में सामान्य जीवन जीता था, आज कई राज्यों की पुलिस के लिए 'मोस्ट वांटेड' बन चुका है। उसकी ठगी का नेटवर्क इतना बड़ा है कि छत्तीसगढ़ से लेकर ओडिशा और राजस्थान तक के निवेशक उसके झांसे में आकर अपनी गाढ़ी कमाई गँवा बैठे। बावजूद इसके, कई महीने बीत जाने के बाद भी उसकी गिरफ्तारी न होना, पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। क्या वाकई पुलिस इस हाई-प्रोफाइल मामले को गंभीरता से ले रही है, या फिर कोई 'राजनीतिक दबाव' उसकी गिरफ्तारी में रोड़ा बन रहा है?

'धोखेबाज' दिनेश जैन का जाल: जब पुलिस भी हुई 'बेबस'



इस ठगी के खेल का मुख्य आरोपी दिनेश कुमार जैन (जो खुद को डीके जैन कहता था) है। उसने Hedgex Fund नाम की एक कंपनी बनाई, जिसके जरिए उसने फॉरेक्स और क्रिप्टो निवेश के नाम पर लोगों को भारी रिटर्न का लालच दिया। कंपनी ने दावा किया कि वह हर महीने 8 से 12% का रिटर्न देगी, जिसने निवेशकों को आसानी से लुभा लिया। शुरुआती दिनों में छोटे मुनाफे दिखाकर उसने लोगों का विश्वास जीता और फिर बड़े-बड़े निवेश करवाता चला गया। जब रकम करोड़ों तक पहुँच गई, तो कंपनी की वेबसाइट और मोबाइल ऐप अचानक बंद हो गए। इसके बाद ही निवेशकों को अहसास हुआ कि उनके साथ कितनी बड़ी ठगी हुई है।

यह कोई सामान्य ठगी नहीं थी। दिनेश जैन ने अपने जाल में फँसाने के लिए बड़े-बड़े सेमिनार और पार्टियाँ आयोजित कीं। जयपुर के महंगे रिजॉर्ट्स से लेकर थाईलैंड और सिंगापुर की यात्राओं का वादा करके उसने लोगों को लुभाया। निवेशकों को डॉलर में कमाई के सपने दिखाए गए, लेकिन जब पैसे वापस माँगने की बारी आई, तो यही डीके जैन धमकियों पर उतर आया। वह अपने राजनीतिक और पुलिस कनेक्शन का हवाला देकर निवेशकों को झूठे मामलों में फँसाने की धमकी देता था।

अलग-अलग राज्यों में दर्ज मामले: एक जैसी कहानी, पुलिस की अलग-अलग रफ्तार

दिनेश जैन के खिलाफ दिल्ली, छत्तीसगढ़, ओडिशा और राजस्थान जैसे राज्यों में शिकायतें दर्ज की गई हैं। दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम टीम ने अकेले उसके ऑपरेशन में 100 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी का अनुमान लगाया है। दिल्ली की साकेत कोर्ट ने अगस्त 2025 में उसे अपराधी घोषित कर दिया। लेकिन यहाँ एक विडंबना है: दिल्ली हाई कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित किया, पुलिस उसकी तलाश में है, फिर भी वह फरार है।

छत्तीसगढ़: यहाँ के गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में 70 से अधिक निवेशकों ने करोड़ों रुपए गंवाए। पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी किया, लेकिन मुख्य आरोपी दिनेश जैन अब तक फरार है।

ओडिशा: भुवनेश्वर में भी निवेशकों ने इसी कंपनी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जहाँ उन्हें निकासी में समस्याओं का सामना करना पड़ा।

राजस्थान: जयपुर, दौसा और जोधपुर जैसे शहरों में भी कई निवेशक धोखाधड़ी का शिकार हुए हैं।

सवाल यह है कि जब इतने सारे राज्यों में एक ही व्यक्ति के खिलाफ शिकायतें दर्ज हैं, और मामला हाई-प्रोफाइल है, तो फिर पुलिस इन मामलों में तालमेल क्यों नहीं बिठा पा रही है? क्या अलग-अलग राज्यों की पुलिस केवल अपने अधिकार क्षेत्र में काम कर रही है और समन्वित प्रयास नहीं हो रहे हैं? यह ढिलाई ठग को फरार रहने का मौका दे रही है।

पुलिस की सुस्ती या राजनीतिक 'सुरक्षा कवच'?

भीलवाड़ा से शुरू हुई यह कहानी बताती है कि दिनेश जैन की जड़ें कितनी गहरी थीं। यह भी चर्चा है कि कोई बड़ा राजनेता उसे बचाने की कोशिश कर रहा है, जिसके कारण उसकी गिरफ्तारी में देरी हो रही है। अगर यह सच है, तो यह हमारे कानून-व्यवस्था पर एक बड़ा कलंक है। यह दिखाता है कि कैसे प्रभावशाली लोग कानून के शिकंजे से बच निकलते हैं। लोगों की मेहनत की कमाई डूब चुकी है और अब वे राजनीतिक संपर्क साधकर अपनी रकम वापस पाने की कोशिश कर रहे हैं।

भीलवाड़ा का नाम बदनाम

भीलवाड़ा का नाम पहले से ही धोखाधड़ी के बड़े मामलों के कारण बदनाम है, और दिनेश जैन ने इस बदनामी में एक और अध्याय जोड़ दिया है। यह मामला सिर्फ करोड़ों की ठगी का नहीं, बल्कि पुलिस की कार्यप्रणाली और राजनीतिक प्रभाव के दुरुपयोग का भी है।


जब तक दिनेश जैन को गिरफ्तार नहीं किया जाता और उसके पीछे के सभी चेहरों का पर्दाफाश नहीं होता, तब तक यह कहानी अधूरी रहेगी। निवेशकों का पैसा और न्याय दोनों अधर में लटके हैं, और इस पर सवाल उठाना बेहद ज़रूरी है। क्या पुलिस आखिरकार अपनी 'नींद' से जागेगी और दिनेश जैन को कानून के कटघरे में लाएगी? या फिर वह इसी तरह कई राज्यों को चकमा देता रहेगा?

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