आज बंधेगे रक्षा सूत्र ,भीलवाड़ा में राखी पर बाजार गुलजार, दिनभर रही रौनक राखी, मिठाई, उपहार और श्रीफल की जमकर हुई खरीदारी

आज बंधेगे रक्षा सूत्र  ,भीलवाड़ा में राखी पर बाजार गुलजार, दिनभर रही रौनक  राखी, मिठाई, उपहार और श्रीफल की जमकर हुई खरीदारी
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भीलवाड़ा हलचल । भाई-बहन के अटूट स्नेह का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन इस बार श्रावण मास की पूर्णिमा पर 9 अगस्त, शनिवार को मनाया जाएगा। त्योहार से ठीक पहले शुक्रवार को शहर के बाजार दिनभर गुलज़ार रहे। सुबह से ही राखी, मिठाई और उपहार की खरीदारी के लिए भीड़ उमड़ पड़ी।

आजाद चौक में महिलाओं का जमावड़ा




त्योहार की रौनक सबसे ज्यादा आजाद चौक और के साथ ही गोल प्याय बाजार न ३ नेताजी राखी वाले और उप नगरीय कॉलोनियों में बाजारों में देखने को मिली। आजाद चोक में तो सुबह से देर शाम तक महिलाओं की भीड़ लगी रही। दुकानों पर रक्षा सूत्र के साथ लाल, नीली, हरी चूड़ियां, घर सजावट का सामान, पूजा सामग्री और सजावटी सामने की की भरपूर बिक्री हुई।

महिलाओं और युवतियों के हाथों में मेंहदी सजाने वालों के यहां लंबी कतारें लगीं। कई महिलाओं को अपनी बारी के लिए इंतजार करना पड़ा।

श्रीफल और केले के दाम चढ़े

राखी के साथ श्रीफल (नारियल) की बिक्री भी जोरों पर रही। हालांकि, खरीदारों ने दुकानदारों पर अच्छे और बड़े नारियल के नाम पर 35 से 40 रुपये प्रति नग तक में पहुंचे गयी । केले के दाम भी चढ़ गए, जिसे गरीब वर्ग ‘त्योहार का फल’ माना जाता है।

मिठाई की दुकानों पर भीड़




मिठाई की दुकानों पर भी दिनभर रौनक रही। पेड़ा, बर्फी, लड्डू और रसगुल्ला की सबसे ज्यादा मांग रही। कई दुकानों ने त्यौहार को देखते हुए विशेष पैकेजिंग भी की। कुछ दुकानों पर ग्राहकों को लंबी लाइनों में खड़े होकर मिठाई लेनी पड़ी।


अपने भाई के रक्षा सूत्र बांधकर रक्षा का वचन लेंगी बहने

वैदिक पंचांग के मुताबिक, सावन पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 8 अगस्त को दोपहर 2:12 बजे हुई, जो 9 अगस्त को दोपहर 1:24 बजे समाप्त होगी। ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, इस अवधि में राखी बांधना शुभ माना जाएगा।रक्षाबंधन पर्व परंपरागत रूप से मनाया जाएगा। शुभ मुहूर्त में बहने अपने भाई के रक्षा सूत्र बांधकर रक्षा का वचन लेंगी

त्योहार का असर – बाजार में ऊर्जा और अपनापन

रक्षाबंधन के अवसर पर शहर का माहौल पूरी तरह त्योहारमय हो गया है। सड़कों पर रंग-बिरंगे स्टॉल, दुकानों पर सजावट, और भाई-बहनों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही है। दुकानदारों के लिए यह दिन साल के सबसे बड़े बिक्री अवसरों में से एक बन गया है।

रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं

किसी भी मांगलिक या शुभ काम को करने से पहले भद्रा काल अवश्य देखा जाता है, जिससे उस काम में किसी भी प्रकार के अशुभ परिणाम सामने न आए। ऐसे में रक्षाबंधन में भद्रा का जरूर ध्यान रखा जाता है। इस साल बहनें बिना कोई विचार किए भाइयों को राखी बांध सकती है। पंचांग के अनुसार, इस साल भद्रा आठ अगस्त को दोपहर दो बजकर 12 मिनट से आरंभ हो रही है, जो नौ अगस्त को तड़के एक बजकर 52 मिनट तक रहेगा।। राखी बांधने का शुभ मुहूर्त हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल रक्षाबंधन के दिन बहनें अपने भाईयों के कलाई में बिना किसी भद्रा के राखी बांध सकती हैं। इस दिन सुबह पांच बजकर 35 मिनट से दोपहर एक बजकर 24 मिनट तक राखी बांधने का सबसे अच्छा मुहूर्त है।

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह चार बजकर 22 मिनट से पांच बजकर चार मिनट तक

अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 17 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक रहेगा।

नौ अगस्त की सुबह पांच बजकर 47 मिनट से दोपहर एक बजकर 24 मिनट बजे तक। इसमें अपराह्न काल, यानी दिन का तीसरा हिस्सा, सबसे शुभ माना गया है।

रक्षा बंधन शुभ योग

रक्षा बंधन के दिन सौभाग्य योग का संयोग बन रहा है। सौभाग्य योग का समापन 10 अगस्त को देर रात दो बजकर 15 मिनट पर होगा। इसके बाद शोभन योग का निर्माण होगा। वहीं सर्वार्थ सिद्धि योग का संयोग सुबह पांच बजकर 47 मिनट से लेकर दोपहर दो बजकर 23 मिनट तक है। इसके साथ ही श्रवण नक्षत्र मुहूर्त दोपहर दो बजकर 23 मिनट तक है, जबकि करण, बव और बालव हैं। इन योग में राखी का त्योहार मनाया जाएगा।

साल 1930 का पंचांग

वैदिक पंचांग गणना के अनुसार, साल 1930 में शनिवार नौ अगस्त के दिन राखी का त्योहार मनाया गया था। इस दिन पूर्णिमा का संयोग शाम चार बजकर 27 मिनट तक था। वहीं पूर्णिमा तिथि की शुरुआत दोपहर दो बजकर सात मिनट पर शुरू हुआ था। इस प्रकार महज पांच मिनट का अतंर पूर्णिमा तिथि में है। सौभाग्य योग का संयोग 10 अगस्त को सुबह पांच बजकर 21 मिनट पर हुआ था। श्रवण नक्षत्र शाम चार बजकर 41 मिनट तक था। वहीं बव और बालव करण के संयोग थे। कुल मिलाकर कहें तो 95 साल बाद राखी का त्योहार समान दिन और समय, नक्षत्र और योग में मनाया जाएगा।

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