भीलवाड़ा के दुकानदार रहे सावधान: फर्जी स्क्रीन शॉट दिखाकर ठग व्यापारियों को लगा रहे है चूना

फर्जी स्क्रीन शॉट दिखाकर  ठग  व्यापारियों को लगा रहे है चूना
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भीलवाड़ा (विजय गढ़वाल)यूपीआई के जरिए भुगतान करने का स्क्रीनशॉट दिखाकर दुकानदारों को ठगने वाला एक गिरोह इन दोनों चित्तौड़गढ़ और आसपास के गांव में सक्रिय हैं भीलवाड़ा के दुकानदारों को भी कभी भी ठगी का शिकार बन सकता है ऐसे में दुकानदारों को सचेत रहने की जरूरत है। ठग इतने खातिर है कि खरीदे गए सामान से अधिक रुपए यूपीआई के जरिए ट्रांसफर करने का स्क्रीनशॉट दिखाकर कुछ नगदी भी ठग ले जाता है।

चित्तौड़गढ़ शहर के साथ ही चंदेरिया और आसपास के क्षेत्र में कई दुकानदार ठगी के शिकार हो चुके हैं मिली जानकारी के अनुसार ऑनलाइन पेमेंट के नाम पर फ्रॉड करने का एक गिरोह एक्टिव है। यह गिरोह अलग अलग दुकानों पर जाकर सामान खरीदने के बाद वहा लगे स्कैनर पर स्कैन करते हैं। पेमेंट ट्रांसफर का मेसेज भी दिखाते है लेकिन व्यापारियों के खाते में रुपए नहीं पहुंचते। व्यापारियों को पहले इस बात की जानकारी नहीं हुई लेकिन जब सभी ने अपना अकाउंट चेक किया तो इस फ्रॉड के बारे में पता चला। हालांकि किसी ने भी इस फ्रॉड की जानकारी पुलिस को नहीं दी।

चर्चा हे कि ऑनलाइन ठग सामान खरीदने के नाम पर पेमेंट का स्क्रीन शॉट दिखा कर ठगी कर रहे हैं। इसमें कई व्यापारी इनके झांसे में फंस गए हैं। मीरा नगर स्थित एक शॉप पर आकर एक ठग ने महंगे से महंगा शूज मांगा। 1600 रुपए से ज्यादा का शूज होने पर अपने पास उसने पैसे की कमी होने पर बताया। उसने ऑनलाइन स्कैन कर 2060 रुपए ट्रांसफर किए और कहा कि बाकी का रुपए कैश दे दीजिए। दुकानदार ने एक्स्ट्रा ट्रांसफर किए रुपए वापस ठग को दे दिए। उसके दूसरे दिन शहर के चारभुजा नगर स्थित एक बैग शॉप में तीन ठग बाइक से पहुंचते और 2400 रुपए का ट्रॉली बैग खरीदा। उसने ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर कर नकली स्क्रीन शॉट दिखाया और जल्दबाजी में वहां से भाग निकला। इसी तरह, एक अन्य बैग की शॉप में जाकर 700 रुपए का बैग पसंद किया। उसे खरीदने के बाद ठगों ने ऑनलाइन 1500 रुपए जमा किए। बाकी के एक्स्ट्रा रुपए दुकानदार से कैश ले लिए। ऐसी ही जानकारी चंदेरिया क्षेत्र से भी आई।संभवत ठग इसके लिए कोई ऐप का यूज करते है। जब व्यापारियों को इसकी जानकारी हुई तो सबके होश उड़ गए। व्यापारियों ने ठगों द्वारा दिए गए नंबर पर व्यापारियों ने फोन किया तो वह दिल्ली के एक ऑनलाइन गेमिंग जॉन का टोल फ्री नंबर का था। आश्चर्य की बात है कि किसी भी व्यापारी ने थाने में अभी तक इसकी रिपोर्ट भी नहीं दी है। साथ ही अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर जानकारी दी।

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