भीलवाड़ा में ईंट भट्टा मज़दूरों के साथ धोखा: मालिक ने मज़दूरी दिए बिना भगाया, भूख से बेहाल

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भीलवाड़ा (प्रहलाद तेली) । उत्तर प्रदेश के चित्रकूट जिले से कुछ मजदूर यहां ईंट भट्टे पर काम करने आए थे, लेकिन अब वे पिछले आठ दिनों से दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर हैं। इन मजदूरों का आरोप है कि ईंट भट्ठा मालिक ने उन्हें उनकी मेहनत की कमाई दिए बिना ही भगा दिया है।

पीड़ित मजदूरों के अनुसार, वे पिछले सात-आठ महीनों से बालू नामक एक ईंट भट्ठा मालिक के यहां काम कर रहे थे। उन्होंने उम्मीद की थी कि वे यहां कुछ पैसे कमाकर अपने परिवार का पेट पाल सकेंगे, लेकिन उनकी उम्मीदें तब टूट गईं जब मालिक ने उन्हें बिना किसी कारण बताए काम से निकाल दिया और उनकी मजदूरी भी नहीं दी और इन्‍हें जान से मारने की धमक‍ियां भी दी जा रही है। बीमार मजदूरों के पास ईलाज के पैसे तक भी नहीं है।

मजदूरों की हालत इतनी खराब है कि उनके पास खाने-पीने तक के लिए कुछ नहीं है। वे और उनके बच्चे भूख से बेहाल हैं और उन्हें भीख मांगकर अपना पेट भरना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, मजदूरों का यह भी कहना है कि उन्हें रेन बसेरे में भी शरण नहीं लेने दी गई और वहां से डरा-धमकाकर भगा दिया गया।

मजदूरों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन उनका कहना है कि अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। न्याय की उम्मीद में, वे शनिवार की पूरी रात भूखे-प्यासे मुखर्जी पार्क में बिताने को मजबूर हुए।

मजदूर रामबाबू ने बताया कि‍ पिछले दो साल से उसे यहां बंधक बनाया हुआ है। बीच में उसके भतीजे की मौत होने पर भी उसे यहां से नहीं जाने दिया और उसकी मजदूरी के 90 हजार रुपए भी बाकी है जो मालि‍क नहीं दे रहा है।

मजदूर सीमा व अश्व‍िनी लक्ष्‍मण ने बताया क‍ि उन्‍हें मजदूरी दिए ब‍िना ही डरा धमकाकर भगा द‍िया। उनके पास खाने-पीने तक के लिए कुछ नहीं है। वे और उनके बच्चे भूख से बेहाल हैं और उन्हें भीख मांगकर अपना पेट भरना पड़ रहा है। इतना ही नहीं, मजदूरों का यह भी कहना है कि उन्हें रेन बसेरे में भी शरण नहीं लेने दी गई और वहां से डरा-धमकाकर भगा दिया गया।

आज, ये मजदूर कलेक्ट्रेट कार्यालय के बाहर न्याय की गुहार लगा रहे हैं। वे चाहते हैं कि प्रशासन उनकी दुर्दशा पर ध्यान दे और उन्हें उनकी बकाया मजदूरी दिलवाए। वे यह भी चाहते हैं कि उन्हें न्‍याय म‍िले।

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